Micah 2:1
हाय उन पर, जो बिछौनों पर पड़े हुए बुराइयों की कल्पना करते और दुष्ट कर्म की इच्छा करते हैं, और बलवन्त होने के कारण भोर को दिन निकलते ही वे उसको पूरा करते हैं।
Woe | ה֧וֹי | hôy | hoy |
to them that devise | חֹֽשְׁבֵי | ḥōšĕbê | HOH-sheh-vay |
iniquity, | אָ֛וֶן | ʾāwen | AH-ven |
work and | וּפֹ֥עֲלֵי | ûpōʿălê | oo-FOH-uh-lay |
evil | רָ֖ע | rāʿ | ra |
upon | עַל | ʿal | al |
their beds! | מִשְׁכְּבוֹתָ֑ם | miškĕbôtām | meesh-keh-voh-TAHM |
morning the when | בְּא֤וֹר | bĕʾôr | beh-ORE |
is light, | הַבֹּ֙קֶר֙ | habbōqer | ha-BOH-KER |
they practise | יַעֲשׂ֔וּהָ | yaʿăśûhā | ya-uh-SOO-ha |
it, because | כִּ֥י | kî | kee |
is it | יֶשׁ | yeš | yesh |
in the power | לְאֵ֖ל | lĕʾēl | leh-ALE |
of their hand. | יָדָֽם׃ | yādām | ya-DAHM |