Daniel 4:27
इस कारण, हे राजा, मेरी यह सम्मति स्वीकार कर, कि यदि तू पाप छोड़ कर धर्म करने लगे, और अधर्म छोड़ कर दीन-हीनों पर दया करने लगे, तो सम्भव है कि ऐसा करने से तेरा चैन बना रहे॥
Daniel 4:27 in Other Translations
King James Version (KJV)
Wherefore, O king, let my counsel be acceptable unto thee, and break off thy sins by righteousness, and thine iniquities by shewing mercy to the poor; if it may be a lengthening of thy tranquillity.
American Standard Version (ASV)
Wherefore, O king, let my counsel be acceptable unto thee, and break off thy sins by righteousness, and thine iniquities by showing mercy to the poor; if there may be a lengthening of thy tranquillity.
Bible in Basic English (BBE)
For this cause, O King, let my suggestion be pleasing to you, and let your sins be covered by righteousness and your evil-doing by mercy to the poor, so that the time of your well-being may be longer.
Darby English Bible (DBY)
Therefore, O king, let my counsel be acceptable unto thee, and break off thy sins by righteousness, and thine iniquities by shewing mercy to the poor; if it may be a lengthening of thy tranquillity.
World English Bible (WEB)
Therefore, O king, let my counsel be acceptable to you, and break off your sins by righteousness, and your iniquities by showing mercy to the poor; if there may be a lengthening of your tranquillity.
Young's Literal Translation (YLT)
`Therefore, O king, let my counsel be acceptable unto thee, and thy sins by righteousness break off, and thy perversity by pitying the poor, lo, it is a lengthening of thine ease.
| Wherefore, | לָהֵ֣ן | lāhēn | la-HANE |
| O king, | מַלְכָּ֗א | malkāʾ | mahl-KA |
| let my counsel | מִלְכִּי֙ | milkiy | meel-KEE |
| be acceptable | יִשְׁפַּ֣ר | yišpar | yeesh-PAHR |
| thee, unto | עֲלָ֔יךְ | ʿălāyk | uh-LAIK |
| and break off | וַחֲטָיָךְ֙ | waḥăṭāyok | va-huh-ta-yoke |
| thy sins | בְּצִדְקָ֣ה | bĕṣidqâ | beh-tseed-KA |
| by righteousness, | פְרֻ֔ק | pĕruq | feh-ROOK |
| iniquities thine and | וַעֲוָיָתָ֖ךְ | waʿăwāyātāk | va-uh-va-ya-TAHK |
| by shewing mercy | בְּמִחַ֣ן | bĕmiḥan | beh-mee-HAHN |
| to the poor; | עֲנָ֑יִן | ʿănāyin | uh-NA-yeen |
| if | הֵ֛ן | hēn | hane |
| be may it | תֶּֽהֱוֵ֥ה | tehĕwē | teh-hay-VAY |
| a lengthening | אַרְכָ֖ה | ʾarkâ | ar-HA |
| of thy tranquillity. | לִשְׁלֵוְתָֽךְ׃ | lišlēwĕtāk | leesh-lay-veh-TAHK |
Cross Reference
प्रेरितों के काम 8:22
इसलिये अपनी इस बुराई से मन फिराकर प्रभु से प्रार्थना कर, सम्भव है तेरे मन का विचार क्षमा किया जाए।
यशायाह 55:6
जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो;
योना 3:9
सम्भव है, परमेश्वर दया करे और अपनी इच्छा बदल दे, और उसका भड़का हुआ कोप शान्त हो जाए और हम नाश होने से बच जाएं॥
1 राजा 21:29
कि क्या तू ने देखा है कि अहाब मेरे साम्हने नम्र बन गया है? इस कारण कि वह मेरे साम्हने नम्र बन गया है मैं वह विपत्ति उसके जीते जी उस पर न डालूंगा पर न्तू उसके पुत्र के दिनों में मैं उसके घराने पर वह पिपत्ति भेजूंगा।
उत्पत्ति 41:33
इसलिये अब फिरौन किसी समझदार और बुद्धिमान् पुरूष को ढूंढ़ करके उसे मिस्र देश पर प्रधानमंत्री ठहराए।
भजन संहिता 41:1
क्या ही धन्य है वह, जो कंगाल की सुधि रखता है! विपत्ति के दिन यहोवा उसको बचाएगा।
नीतिवचन 16:6
अधर्म का प्रायश्चित कृपा, और सच्चाई से होता है, और यहोवा के भय मानने के द्वारा मनुष्य बुराई करने से बच जाते हैं।
नीतिवचन 28:13
जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सुफल नहीं होता, परन्तु जो उन को मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी।
यहेजकेल 18:7
और न किसी पर अन्धेर किया हो वरन ऋणी को उसकी बन्धक फेर दी हो, न किसी को लूटा हो, वरन भूखे को अपनी रोटी दी हो और नंगे को कपड़ा ओढ़ाया हो,
यहेजकेल 18:21
परन्तु यदि दुष्ट जन अपने सब पापों से फिर कर, मेरी सब विधियों का पालन करे और न्याय और धर्म के काम करे, तो वह न मरेगा; वरन जीवित ही रहेगा।
यहेजकेल 18:27
फिर जब दुष्ट अपने दुष्ट कामों से फिर कर, न्याय और धर्म के काम करने लगे, तो वह अपना प्राण बचाएगा।
लूका 11:41
परन्तु हां, भीतरवाली वस्तुओं को दान कर दो, तो देखो, सब कुछ तुम्हारे लिये शुद्ध हो जाएगा॥
याकूब 4:8
परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा: हे पापियों, अपने हाथ शुद्ध करो; और हे दुचित्ते लोगों अपने हृदय को पवित्र करो।
1 पतरस 4:8
और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।
इफिसियों 4:28
चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे; वरन भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे; इसलिये कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो।
गलातियों 5:22
पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,
भजन संहिता 119:46
और मैं तेरी चितौनियों की चर्चा राजाओं के साम्हने भी करूंगा, और संकोच न करूंगा;
यशायाह 58:5
जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं अर्थात जिस में मनुष्य स्वयं को दीन करे, क्या तुम इस प्रकार करते हो? क्या सिर को झाऊ की नाईं झुकाना, अपने नीचे टाट बिछाना, और राख फैलाने ही को तुम उपवास और यहोवा को प्रसन्न करने का दिन कहते हो?
यशायाह 58:10
उदारता से भूखे की सहायता करे और दीन दु:खियों को सन्तुष्ट करे, तब अन्धियारे में तेरा प्रकाश चमकेगा, और तेरा घोर अन्धकार दोपहर का सा उजियाला हो जाएगा।
योएल 2:14
क्या जाने वह फिरकर पछताए और ऐसी आशीष दे जिस से तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का अन्नबलि और अर्घ दिया जाए॥
सपन्याह 2:2
इस से पहिले कि दण्ड की आज्ञा पूरी हो और बचाव का दिन भूसी की नाईं निकले, और यहोवा का भड़कता हुआ क्रोध तुम पर आ पड़े, और यहोवा के क्रोध का दिन तुम पर आए, तुम इकट्ठे हो।
मत्ती 3:8
सो मन फिराव के योग्य फल लाओ।
प्रेरितों के काम 10:2
वह भक्त था, और अपने सारे घराने समेत परमेश्वर से डरता था, और यहूदी लागों को बहुत दान देता, और बराबर परमेश्वर से प्रार्थना करता था।
प्रेरितों के काम 24:25
और जब वह धर्म और संयम और आने वाले न्याय की चर्चा करता था, तो फेलिक्स ने भयमान होकर उत्तर दिया, कि अभी तो जा: अवसर पाकर मैं तुझे फिर बुलाऊंगा।
प्रेरितों के काम 26:20
परन्तु पहिले दमिश्क के, फिर यरूशलेम के रहने वालों को, तब यहूदिया के सारे देश में और अन्यजातियों को समझाता रहा, कि मन फिराओ और परमेश्वर की ओर फिर कर मन फिराव के योग्य काम करो।
2 कुरिन्थियों 5:11
सो प्रभु का भय मानकर हम लोगों को समझाते हैं और परमेश्वर पर हमारा हाल प्रगट है; और मेरी आशा यह है, कि तुम्हारे विवेक पर भी प्रगट हुआ होगा।
गलातियों 5:6
और मसीह यीशु में न खतना, न खतनारिहत कुछ काम का है, परन्तु केवल, जो प्रेम के द्वारा प्रभाव करता है।
गलातियों 5:13
हे भाइयों, तुम स्वतंत्र होने के लिये बुलाए गए हो परन्तु ऐसा न हो, कि यह स्वतंत्रता शारीरिक कामों के लिये अवसर बने, वरन प्रेम से एक दूसरे के दास बनो।
अय्यूब 34:31
क्या किसी ने कभी ईश्वर से कहा, कि मैं ने दण्ड सहा, अब मैं भविष्य में बुराई न करूंगा,