Acts 17:29
सो परमेश्वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों।
Acts 17:29 in Other Translations
King James Version (KJV)
Forasmuch then as we are the offspring of God, we ought not to think that the Godhead is like unto gold, or silver, or stone, graven by art and man's device.
American Standard Version (ASV)
Being then the offspring of God, we ought not to think that the Godhead is like unto gold, or silver, or stone, graven by art and device of man.
Bible in Basic English (BBE)
If then we are the offspring of God, it is not right for us to have the idea that God is like gold or silver or stone, formed by the art or design of man.
Darby English Bible (DBY)
Being therefore [the] offspring of God, we ought not to think that which is divine to be like gold or silver or stone, [the] graven form of man's art and imagination.
World English Bible (WEB)
Being then the offspring of God, we ought not to think that the Divine Nature is like gold, or silver, or stone, engraved by art and design of man.
Young's Literal Translation (YLT)
`Being, therefore, offspring of God, we ought not to think the Godhead to be like to gold, or silver, or stone, graving of art and device of man;
| Forasmuch then | γένος | genos | GAY-nose |
| as we are | οὖν | oun | oon |
| the offspring | ὑπάρχοντες | hyparchontes | yoo-PAHR-hone-tase |
of | τοῦ | tou | too |
| God, | θεοῦ | theou | thay-OO |
| we ought | οὐκ | ouk | ook |
| not | ὀφείλομεν | opheilomen | oh-FEE-loh-mane |
| to think that | νομίζειν | nomizein | noh-MEE-zeen |
| the | χρυσῷ | chrysō | hryoo-SOH |
| Godhead | ἢ | ē | ay |
| is | ἀργύρῳ | argyrō | ar-GYOO-roh |
| like unto | ἢ | ē | ay |
| gold, | λίθῳ | lithō | LEE-thoh |
| or | χαράγματι | charagmati | ha-RAHG-ma-tee |
| silver, | τέχνης | technēs | TAY-hnase |
| or | καὶ | kai | kay |
| stone, | ἐνθυμήσεως | enthymēseōs | ane-thyoo-MAY-say-ose |
| graven | ἀνθρώπου | anthrōpou | an-THROH-poo |
| by art | τὸ | to | toh |
| and | θεῖον | theion | THEE-one |
| man's | εἶναι | einai | EE-nay |
| device. | ὅμοιον | homoion | OH-moo-one |
Cross Reference
रोमियो 1:20
क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ, और परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते है, यहां तक कि वे निरुत्तर हैं।
हबक्कूक 2:19
हाय उस पर जो काठ से कहता है, जाग, वा अबोल पत्थर से, उठ! क्या वह सिखाएगा? देखो, वह सोने चान्दी में मढ़ा हुआ है, परन्तु उस में आत्मा नहीं है॥
यशायाह 46:5
मैं तुम्हें उठाए रहूंगा और छुड़ाता भी रहूंगा॥ तुम किस से मेरी उपमा दोगे और मुझे किस के समान बताओगे, किस से मेरा मिलान करोगे कि हम एक समान ठहरें?
यशायाह 44:9
जो मूरत खोदकर बनाते हैं, वे सब के सब व्यर्थ हैं और जिन वस्तुओं में वे आनन्द ढूंढते उन से कुछ लाभ न होगा; उसके साक्षी, न तो आप कुछ देखते और न कुछ जानते हैं, इसलिये उन को लज्जित होना पड़ेगा।
यशायाह 40:12
किस ने महासागर को चुल्लू से मापा और किस के बित्ते से आकाश का नाप हुआ, किस ने पृथ्वी की मिट्टी को नपवे में भरा और पहाड़ों को तराजू में और पहाडिय़ों को कांटे में तौला है?
भजन संहिता 115:4
उन लोगों की मूरतें सोने चान्दी ही की तो हैं, वे मनुष्यों के हाथ की बनाईं हुई हैं।
भजन संहिता 106:20
यों उन्होंने अपनी महिमा अर्थात ईश्वर को घास खाने वाले बैल की प्रतिमा से बदल डाला।
भजन संहिता 94:7
और कहते हैं, कि याह न देखेगा, याकूब का परमेश्वर विचार न करेगा॥
निर्गमन 32:4
और हारून ने उन्हें उनके हाथ से लिया, और एक बछड़ा ढालकर बनाया, और टांकी से गढ़ा; तब वे कहने लगे, कि हे इस्त्राएल तेरा परमेश्वर जो तुझे मिस्र देश से छुड़ा लाया है वह यही है।
निर्गमन 20:4
तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी कि प्रतिमा बनाना, जो आकाश में, वा पृथ्वी पर, वा पृथ्वी के जल में है।
यिर्मयाह 10:4
लोग उसको सोने-चान्दी से सजाते और हयैड़े से कील ठोंक ठोंककर दृढ़ करते हैं कि वह हिल-डुल न सके।
यशायाह 40:25
सो तुम मुझे किस के समान बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूं? उस पवित्र का यही वचन है।