ਅੱਯੂਬ 2:13
ਫੇਰ ਤਿੰਨੇ ਦੋਸਤ ਅੱਯੂਬ ਦੇ ਕੋਲ ਸੱਤ ਦਿਨ ਤੇ ਸੱਤ ਰਾਤਾਂ ਧਰਤੀ ਤੇ ਬੈਠੇ ਰਹੇ। ਕੋਈ ਵੀ ਅੱਯੂਬ ਨਾਲ ਇੱਕ ਵੀ ਸ਼ਬਦ ਨਾ ਬੋਲਿਆ ਕਿਉਂਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਦੇਖ ਲਿਆ ਸੀ ਕਿ ਉਹ ਕਿੰਨਾ ਕਸ਼ਟ ਝੱਲ ਰਿਹਾ ਸੀ।
So they sat down | וַיֵּֽשְׁב֤וּ | wayyēšĕbû | va-yay-sheh-VOO |
with | אִתּוֹ֙ | ʾittô | ee-TOH |
ground the upon him | לָאָ֔רֶץ | lāʾāreṣ | la-AH-rets |
seven | שִׁבְעַ֥ת | šibʿat | sheev-AT |
days | יָמִ֖ים | yāmîm | ya-MEEM |
and seven | וְשִׁבְעַ֣ת | wĕšibʿat | veh-sheev-AT |
nights, | לֵיל֑וֹת | lêlôt | lay-LOTE |
none and | וְאֵין | wĕʾên | veh-ANE |
spake | דֹּבֵ֤ר | dōbēr | doh-VARE |
a word | אֵלָיו֙ | ʾēlāyw | ay-lav |
unto | דָּבָ֔ר | dābār | da-VAHR |
him: for | כִּ֣י | kî | kee |
saw they | רָא֔וּ | rāʾû | ra-OO |
that | כִּֽי | kî | kee |
his grief | גָדַ֥ל | gādal | ɡa-DAHL |
was very | הַכְּאֵ֖ב | hakkĕʾēb | ha-keh-AVE |
great. | מְאֹֽד׃ | mĕʾōd | meh-ODE |