इजकिएल 47:12
हरेक प्रकारको फलदार वृक्षहरू नदीको दुवै किनारमा उम्रिन्छन्। यसको पातहरू कहिल्यै सुक्दैन पनि मर्दैन पनि। यी वृक्षहरूमा फल लाग्न कहिल्यै पनि छोड्दैन। वृक्षले प्रत्येक महिनामा फल दिन्छ। किन? किनकि रूखहरूको लागि पानी मन्दिरबाट आउँछ। त्यो रूखको फलहरू भोजन बनिन्छ अनि त्यसको पातहरू औषधी बनिन्छ।”
And by | וְעַל | wĕʿal | veh-AL |
the river | הַנַּ֣חַל | hannaḥal | ha-NA-hahl |
upon | יַעֲלֶ֣ה | yaʿăle | ya-uh-LEH |
the bank | עַל | ʿal | al |
side this on thereof, | שְׂפָת֣וֹ | śĕpātô | seh-fa-TOH |
and on that side, | מִזֶּ֣ה׀ | mizze | mee-ZEH |
shall grow | וּמִזֶּ֣ה׀ | ûmizze | oo-mee-ZEH |
all | כָּל | kāl | kahl |
trees | עֵֽץ | ʿēṣ | ayts |
for meat, | מַ֠אֲכָל | maʾăkol | MA-uh-hole |
whose leaf | לֹא | lōʾ | loh |
shall not | יִבּ֨וֹל | yibbôl | YEE-bole |
fade, | עָלֵ֜הוּ | ʿālēhû | ah-LAY-hoo |
neither | וְלֹֽא | wĕlōʾ | veh-LOH |
fruit the shall | יִתֹּ֣ם | yittōm | yee-TOME |
thereof be consumed: | פִּרְי֗וֹ | piryô | peer-YOH |
fruit new forth bring shall it | לָֽחֳדָשָׁיו֙ | lāḥŏdāšāyw | LA-hoh-da-shav |
according to his months, | יְבַכֵּ֔ר | yĕbakkēr | yeh-va-KARE |
because | כִּ֣י | kî | kee |
their waters | מֵימָ֔יו | mêmāyw | may-MAV |
they | מִן | min | meen |
issued out | הַמִּקְדָּ֖שׁ | hammiqdāš | ha-meek-DAHSH |
of | הֵ֣מָּה | hēmmâ | HAY-ma |
sanctuary: the | יֽוֹצְאִ֑ים | yôṣĕʾîm | yoh-tseh-EEM |
and the fruit | וְהָיָ֤ו | wĕhāyāw | veh-ha-YAHV |
thereof shall be | פִרְיוֹ֙ | piryô | feer-YOH |
meat, for | לְמַֽאֲכָ֔ל | lĕmaʾăkāl | leh-ma-uh-HAHL |
and the leaf | וְעָלֵ֖הוּ | wĕʿālēhû | veh-ah-LAY-hoo |
thereof for medicine. | לִתְרוּפָֽה׃ | litrûpâ | leet-roo-FA |