Jeremiah 32:33
“ती मानिसहरूले मलाई पिठ्यूँ देखाए। मैले तिनीहरूलाई घरि घरि शिक्षा दिन कोशिश गरें तर तिनीहरूले चाहेनन् मैले तिनीहरूलाई सुधार्ने प्रयास गरें, मेरो कुरामा ध्यानै दिएनन् तिनीहरूले मेरो अनुशासन ग्रहण गरेनन्।
And they have turned | וַיִּפְנ֥וּ | wayyipnû | va-yeef-NOO |
unto | אֵלַ֛י | ʾēlay | ay-LAI |
me the back, | עֹ֖רֶף | ʿōrep | OH-ref |
not and | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
the face: | פָנִ֑ים | pānîm | fa-NEEM |
though I taught | וְלַמֵּ֤ד | wĕlammēd | veh-la-MADE |
early up rising them, | אֹתָם֙ | ʾōtām | oh-TAHM |
and teaching | הַשְׁכֵּ֣ם | haškēm | hahsh-KAME |
not have they yet them, | וְלַמֵּ֔ד | wĕlammēd | veh-la-MADE |
hearkened | וְאֵינָ֥ם | wĕʾênām | veh-ay-NAHM |
to receive | שֹׁמְעִ֖ים | šōmĕʿîm | shoh-meh-EEM |
instruction. | לָקַ֥חַת | lāqaḥat | la-KA-haht |
מוּסָֽר׃ | mûsār | moo-SAHR |