Ruth 3:7 in Hindi

Hindi Hindi Bible Ruth Ruth 3 Ruth 3:7

Ruth 3:7
जब बोअज खा पी चुका, और उसका मन आनन्दित हुआ, तब जा कर राशि के एक सिरे पर लेट गया। तब वह चुपचाप गई, और उसके पांव उघार के लेट गई।

Ruth 3:6Ruth 3Ruth 3:8

Ruth 3:7 in Other Translations

King James Version (KJV)
And when Boaz had eaten and drunk, and his heart was merry, he went to lie down at the end of the heap of corn: and she came softly, and uncovered his feet, and laid her down.

American Standard Version (ASV)
And when Boaz had eaten and drunk, and his heart was merry, he went to lie down at the end of the heap of grain: and she came softly, and uncovered his feet, and laid her down.

Bible in Basic English (BBE)
Now when Boaz had taken meat and drink, and his heart was glad, he went to take his rest at the end of the mass of grain; then she came softly and, uncovering his feet, went to rest.

Darby English Bible (DBY)
And Boaz ate and drank, and his heart was merry, and he went to lie down at the end of the heap of corn. Then she went softly, and uncovered his feet, and laid herself down.

Webster's Bible (WBT)
And when Boaz had eaten and drank, and his heart was merry, he went to lie down at the end of the heap of corn: and she came softly, and uncovered his feet, and laid herself down.

World English Bible (WEB)
When Boaz had eaten and drunk, and his heart was merry, he went to lie down at the end of the heap of grain: and she came softly, and uncovered his feet, and laid her down.

Young's Literal Translation (YLT)
And Boaz eateth and drinketh, and his heart is glad; and he goeth in to lie down at the end of the heap; and she cometh in gently, and uncovereth his feet, and lieth down.

And
when
Boaz
וַיֹּ֨אכַלwayyōʾkalva-YOH-hahl
had
eaten
בֹּ֤עַזbōʿazBOH-az
and
drunk,
וַיֵּשְׁתְּ֙wayyēšĕtva-yay-shet
heart
his
and
וַיִּיטַ֣בwayyîṭabva-yee-TAHV
was
merry,
לִבּ֔וֹlibbôLEE-boh
he
went
וַיָּבֹ֕אwayyābōʾva-ya-VOH
to
lie
down
לִשְׁכַּ֖בliškableesh-KAHV
end
the
at
בִּקְצֵ֣הbiqṣēbeek-TSAY
of
the
heap
of
corn:
הָֽעֲרֵמָ֑הhāʿărēmâha-uh-ray-MA
and
she
came
וַתָּבֹ֣אwattābōʾva-ta-VOH
softly,
בַלָּ֔טballāṭva-LAHT
and
uncovered
וַתְּגַ֥לwattĕgalva-teh-ɡAHL
his
feet,
מַרְגְּלֹתָ֖יוmargĕlōtāywmahr-ɡeh-loh-TAV
and
laid
her
down.
וַתִּשְׁכָּֽב׃wattiškābva-teesh-KAHV

Cross Reference

न्यायियों 19:6
तब उन दोनों ने बैठकर संग संग खाया पिया; फिर स्त्री के पिता ने उस पुरूष से कहा, और एक रात टिके रहने को प्रसन्न हो और आनन्द कर।

एस्तेर 1:10
सातवें दिन, जब राजा का मन दाखमधु में मग्न था, तब उसने महूमान, बिजता, हर्बोना, बिगता, अबगता, जेतेर और कर्कस नाम सातों खोजों को जो क्षयर्ष राजा के सम्मुख सेवा टहल किया करते थे, आाज्ञा दी,

2 शमूएल 13:28
और अबशालोम ने अपने सेवकों को आज्ञा दी, कि सावधान रहो और जब अम्नोन दाखमधु पीकर नशे में आ जाए, और मैं तुम से कहूं, अम्नोन को मार डालना। क्या इस आज्ञा का देनेवाला मैं नहीं हूं? हियाव बान्धकर पुरुषार्थ करना।

न्यायियों 19:9
जब वह पुरूष अपनी सुरैतिन और सेवक समेत विदा होने को उठा, तब उसके ससुर अर्थात स्त्री के पिता ने उस से कहा, देख दिन तो ढला चला है, और सांझ होने पर है; इसलिये तुम लोग रात भर टिके रहो। देख, दिन तो डूबने पर है; सो यहीं आनन्द करता हुआ रात बिता, और बिहान को सवेरे उठ कर अपना मार्ग लेना, और अपने डेरे को चले जाना।

न्यायियों 19:22
वे आनन्द कर रहे थे, कि नगर के लुच्चों ने घर को घेर लिया, और द्वार को खटखटा-खटखटाकर घर के उस बूढ़े स्वामी से कहने लगे, जो पुरूष तेरे घर में आया, उसे बाहर ले आ, कि हम उस से भोग करें।

इफिसियों 5:18
और दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इस से लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ।

1 कुरिन्थियों 10:31
सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो।

सभोपदेशक 10:19
भोज हंसी खुशी के लिये किया जाता है, और दाखमधु से जीवन को आनन्द मिलता है; और रूपयों से सब कुछ प्राप्त होता है।

सभोपदेशक 9:7
अपने मार्ग पर चला जा, अपनी रोटी आनन्द से खाया कर, और मन में सुख मान कर अपना दाखमधु पिया कर; क्योंकि परमेश्वर तेरे कामों से प्रसन्न हो चुका है॥

सभोपदेशक 8:15
तब मैं ने आनन्द को सराहा, क्योंकि सूर्य के नीचे मनुष्य के लिये खाने-पीने और आनन्द करने को छोड़ और कुछ भी अच्छा नहीं, क्योंकि यही उसके जीवन भर जो परमेश्वर उसके लिये धरती पर ठहराए, उसके परिश्रम में उसके संग बना रहेगा॥

सभोपदेशक 3:12
मैं ने जान लिया है कि मनुष्यों के लिये आनन्द करने और जीवन भर भलाई करने के सिवाय, और कुछ भी अच्छा नहीं;

सभोपदेशक 2:24
मनुष्य के लिये खाने-पीने और परिश्रम करते हुए अपने जीव को सुखी रखने के सिवाय और कुछ भी अच्छा नहीं। मैं ने देखा कि यह भी परमेश्वर की ओर से मिलता है।

भजन संहिता 104:15
और दाखमधु जिस से मनुष्य का मन आनन्दित होता है, और तेल जिस से उसका मुख चमकता है, और अन्न जिस से वह सम्भल जाता है।

1 राजा 21:7
उसकी पत्नी ईज़ेबेल ने उस से कहा, क्या तू इस्राएल पर राज्य करता है कि नहीं? उठ कर भोजन कर; और तेरा मन आनन्दित हो; यिज्रेली नाबोत की दाख की बारी मैं तुझे दिलवा दूंगी।

न्यायियों 16:25
जब उनका मन मगन हो गया, तब उन्होंने कहा, शिमशोन को बुलवा लो, कि वह हमारे लिये तमाशा करे। इसलिये शिमशोन बन्दीगृह में से बुलवाया गया, और उनके लिये तमाशा करने लगा, और खम्भों के बीच खड़ा कर दिया गया।

उत्पत्ति 43:34
तब यूसुफ अपने साम्हने से भोजन-वस्तुएं उठा उठाके उनके पास भेजने लगा, और बिन्यामीन को अपने भाइयों से पचगुणी अधिक भोजनवस्तु मिली। और उन्होंने उसके संग मनमाना खाया पिया।