Psalm 25:12
वह कौन है जो यहोवा का भय मानता है? यहोवा उसको उसी मार्ग पर जिस से वह प्रसन्न होता है चलाएगा।
Psalm 25:12 in Other Translations
King James Version (KJV)
What man is he that feareth the LORD? him shall he teach in the way that he shall choose.
American Standard Version (ASV)
What man is he that feareth Jehovah? Him shall he instruct in the way that he shall choose.
Bible in Basic English (BBE)
If a man has the fear of the Lord, the Lord will be his teacher in the way of his pleasure.
Darby English Bible (DBY)
What man is he that feareth Jehovah? him will he instruct in the way [that] he should choose.
Webster's Bible (WBT)
What man is he that feareth the LORD? him shall he teach in the way that he shall choose.
World English Bible (WEB)
What man is he who fears Yahweh? He shall instruct him in the way that he shall choose.
Young's Literal Translation (YLT)
Who `is' this -- the man fearing Jehovah? He directeth him in the way He doth choose.
| What | מִי | mî | mee |
| man | זֶ֣ה | ze | zeh |
| is he that | הָ֭אִישׁ | hāʾîš | HA-eesh |
| feareth | יְרֵ֣א | yĕrēʾ | yeh-RAY |
| the Lord? | יְהוָ֑ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| teach he shall him | י֝וֹרֶ֗נּוּ | yôrennû | YOH-REH-noo |
| in the way | בְּדֶ֣רֶךְ | bĕderek | beh-DEH-rek |
| that he shall choose. | יִבְחָֽר׃ | yibḥār | yeev-HAHR |
Cross Reference
भजन संहिता 37:23
मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है;
2 थिस्सलुनीकियों 2:10
और नाश होने वालों के लिये अधर्म के सब प्रकार के धोखे के साथ होगा; क्योंकि उन्होंने सत्य के प्रेम को ग्रहण नहीं किया जिस से उन का उद्धार होता।
यूहन्ना 3:20
क्योंकि जो कोई बुराई करता है, वह ज्योति से बैर रखता है, और ज्योति के निकट नहीं आता, ऐसा न हो कि उसके कामों पर दोष लगाया जाए।
नीतिवचन 2:5
तो तू यहोवा के भय को समझेगा, और परमेश्वर का ज्ञान तुझे प्राप्त होगा।
नीतिवचन 1:7
यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है; बुद्धि और शिक्षा को मूढ़ ही लोग तुच्छ जानते हैं॥
भजन संहिता 111:10
बुद्धि का मूल यहोवा का भय है; जितने उसकी आज्ञाओं को मानते हैं, उनकी बुद्धि अच्छी होती है। उसकी स्तुति सदा बनी रहेगी॥
भजन संहिता 32:8
मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपा दृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा।
1 यूहन्ना 2:27
और तुम्हारा वह अभिषेक, जो उस की ओर से किया गया, तुम में बना रहता है; और तुम्हें इस का प्रयोजन नही, कि कोई तुम्हें सिखाए, वरन जैसे वह अभिषेक जो उस की ओर से किया गया तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उस ने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उस में बने रहते हो।
प्रेरितों के काम 13:26
हे भाइयो, तुम जो इब्राहीम की सन्तान हो; और तुम जो परमेश्वर से डरते हो, तुम्हारे पास इस उद्धार का वचन भेजा गया है।
प्रेरितों के काम 11:14
वह तुम से ऐसी बातें कहेगा, जिन के द्वारा तू और तेरा सारा घराना उद्धार पाएगा।
प्रेरितों के काम 10:22
उन्होंने कहा; कुरनेलियुस सूबेदार जो धर्मी और परमेश्वर से डरने वाला और सारी यहूदी जाति में सुनामी मनुष्य है, उस ने एक पवित्र स्वर्गदूत से यह चितावनी पाई है, कि तुझे अपने घर बुलाकर तुझ से वचन सुने।
प्रेरितों के काम 10:2
वह भक्त था, और अपने सारे घराने समेत परमेश्वर से डरता था, और यहूदी लागों को बहुत दान देता, और बराबर परमेश्वर से प्रार्थना करता था।
यूहन्ना 8:31
तब यीशु ने उन यहूदियों से जिन्हों ने उन की प्रतीति की थी, कहा, यदि तुम मेरे वचन में बने रहोगे, तो सचमुच मेरे चेले ठहरोगे।
यूहन्ना 7:17
यदि कोई उस की इच्छा पर चलना चाहे, तो वह इस उपदेश के विषय में जान जाएगा कि वह परमेश्वर की ओर से है, या मैं अपनी ओर से कहता हूं।
यशायाह 50:10
तुम में से कौन है जो यहोवा का भय मानता और उसके दास की बातें सुनता है, जो अन्धियारे में चलता हो और उसके पास ज्योति न हो? वह यहोवा के नाम का भरोसा रखे, और अपने परमेश्वर पर आशा लगाए रहे।
यशायाह 35:8
और वहां एक सड़क अर्थात राजमार्ग होगा, उसका नाम पवित्र मार्ग होगा; कोई अशुद्ध जन उस पर से न चलने पाएगा; वह तो उन्हीं के लिये रहेगा और उस मार्ग पर जो चलेंगे वह चाहे मूर्ख भी हों तौभी कभी न भटकेंगे।
सभोपदेशक 12:13
सब कुछ सुना गया; अन्त की बात यह है कि परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण कर्त्तव्य यही है।
नीतिवचन 16:6
अधर्म का प्रायश्चित कृपा, और सच्चाई से होता है, और यहोवा के भय मानने के द्वारा मनुष्य बुराई करने से बच जाते हैं।
नीतिवचन 15:33
यहोवा के भय मानने से शिक्षा प्राप्त होती है, और महिमा से पहिले नम्रता होती है॥