Jonah 2:6 in Hindi

Hindi Hindi Bible Jonah Jonah 2 Jonah 2:6

Jonah 2:6
मैं पहाड़ों की जड़ तक पहुंच गया था; मैं सदा के लिये भूमि में बन्द हो गया था; तौभी हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने मेरे प्राणों को गड़हे में से उठाया है।

Jonah 2:5Jonah 2Jonah 2:7

Jonah 2:6 in Other Translations

King James Version (KJV)
I went down to the bottoms of the mountains; the earth with her bars was about me for ever: yet hast thou brought up my life from corruption, O LORD my God.

American Standard Version (ASV)
I went down to the bottoms of the mountains; The earth with its bars `closed' upon me for ever: Yet hast thou brought up my life from the pit, O Jehovah my God.

Bible in Basic English (BBE)
The waters were circling round me, even to the neck; the deep was about me; the sea-grass was twisted round my head.

Darby English Bible (DBY)
I went down to the bottoms of the mountains; The bars of the earth [closed] upon me for ever: But thou hast brought up my life from the pit, O Jehovah my God.

World English Bible (WEB)
I went down to the bottoms of the mountains. The earth barred me in forever: Yet have you brought up my life from the pit, Yahweh my God.

Young's Literal Translation (YLT)
To the cuttings of mountains I have come down, The earth, her bars `are' behind me to the age. And Thou bringest up from the pit my life, O Jehovah my God.

I
went
down
לְקִצְבֵ֤יlĕqiṣbêleh-keets-VAY
to
the
bottoms
הָרִים֙hārîmha-REEM
mountains;
the
of
יָרַ֔דְתִּיyāradtîya-RAHD-tee
the
earth
הָאָ֛רֶץhāʾāreṣha-AH-rets
with
her
bars
בְּרִחֶ֥יהָbĕriḥêhābeh-ree-HAY-ha
was
about
בַעֲדִ֖יbaʿădîva-uh-DEE
ever:
for
me
לְעוֹלָ֑םlĕʿôlāmleh-oh-LAHM
yet
hast
thou
brought
up
וַתַּ֧עַלwattaʿalva-TA-al
life
my
מִשַּׁ֛חַתmiššaḥatmee-SHA-haht
from
corruption,
חַיַּ֖יḥayyayha-YAI
O
Lord
יְהוָ֥הyĕhwâyeh-VA
my
God.
אֱלֹהָֽי׃ʾĕlōhāyay-loh-HAI

Cross Reference

भजन संहिता 30:3
हे यहोवा, तू ने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तू ने मुझ को जीवित रखा और कब्र में पड़ने से बचाया है॥

यशायाह 38:17
देख, शान्ति ही के लिये मुझे बड़ी कडुआहट मिली; परन्तु तू ने स्नेह कर के मुझे विनाश के गड़हे से निकाला है, क्योंकि मेरे सब पापों को तू ने अपनी पीठ के पीछे फेंक दिया है।

भजन संहिता 16:10
क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा, न अपने पवित्र भक्त को सड़ने देगा॥

प्रेरितों के काम 13:33
कि परमेश्वर ने यीशु को जिलाकर, वही प्रतिज्ञा हमारी सन्तान के लिये पूरी की, जैसा दूसरे भजन में भी लिखा है, कि तू मेरा पुत्र है; आज मैं ही ने तुझे जन्माया है।

हबक्कूक 3:10
पहाड़ तुझे देख कर कांप उठे; आंधी और जलप्रलय निकल गए; गहिरा सागर बोल उठा और अपने हाथों अर्थात लहरों को ऊपर उठाया।

हबक्कूक 3:6
वह खड़ा हो कर पृथ्वी को नाप रहा था; उसने देखा और जाति जाति के लोग घबरा गए; तब सनातन पर्वत चकनाचूर हो गए, और सनातन की पहाडिय़ां झुक गईं उसकी गति अनन्त काल से एक सी है।

यशायाह 40:12
किस ने महासागर को चुल्लू से मापा और किस के बित्ते से आकाश का नाप हुआ, किस ने पृथ्वी की मिट्टी को नपवे में भरा और पहाड़ों को तराजू में और पहाडिय़ों को कांटे में तौला है?

नीतिवचन 8:25
जब पहाड़ वा पहाड़ियां स्थिर न की गई थीं,

भजन संहिता 143:7
हे यहोवा, फुर्ती कर के मेरी सुन ले; क्योंकि मेरे प्राण निकलने ही पर हैं मुझ से अपना मुंह न छिपा, ऐसा न हो कि मैं कबर में पड़े हुओं के समान हो जाऊं।

भजन संहिता 104:8
वह पहाड़ों पर चढ़ गया, और तराईयों के मार्ग से उस स्थान में उतर गया जिसे तू ने उसके लिये तैयार किया था।

भजन संहिता 104:6
तू ने उसको गहिरे सागर से ढांप दिया है जैसे वस्त्र से; जल पहाड़ों के ऊपर ठहर गया।

भजन संहिता 65:6
तू जो पराक्रम का फेंटा कसे हुए, अपनी सामर्थ्य के पर्वतों को स्थिर करता है;

भजन संहिता 55:23
परन्तु हे परमेश्वर, तू उन लोगों को विनाश के गड़हे में गिरा देगा; हत्यारे और छली मनुष्य अपनी आधी आयु तक भी जीवित न रहेंगे। परन्तु मैं तुझ पर भरोसा रखे रहूंगा॥

भजन संहिता 30:9
जब मैं कब्र में चला जाऊंगा तब मेरे लोहू से क्या लाभ होगा? क्या मिट्टी तेरा धन्यवाद कर सकती है? क्या वह तेरी सच्चाई का प्रचार कर सकती है?

अय्यूब 38:4
जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे।

अय्यूब 33:28
उसने मेरे प्राण क़ब्र में पड़ने से बचाया है, मेरा जीवन उजियाले को देखेगा।

अय्यूब 33:24
तो वह उस पर अनुग्रह कर के कहता है, कि उसे गढ़हे में जाने से बचा ले, मुझे छुड़ौती मिली है।

व्यवस्थाविवरण 32:22
क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृथ्वी अपनी उपज समेत भस्म हो जाएगी, और पहाड़ों की नेवों में भी आग लगा देगी॥