Jeremiah 30:15
तू अपने घाव के मारे क्यों चिल्लाती है? तेरी पीड़ा की कोई औषध नहीं। तेरे बड़े अधर्म और भारी पापों के कारण मैं ने तुझ से ऐसा व्यवहार किया है।
Jeremiah 30:15 in Other Translations
King James Version (KJV)
Why criest thou for thine affliction? thy sorrow is incurable for the multitude of thine iniquity: because thy sins were increased, I have done these things unto thee.
American Standard Version (ASV)
Why criest thou for thy hurt? thy pain is incurable: for the greatness of thine iniquity, because thy sins were increased, I have done these things unto thee.
Bible in Basic English (BBE)
Why are you crying for help because of your wound? for your pain may never be taken away: because your evil-doing was so great and because your sins were increased, I have done these things to you.
Darby English Bible (DBY)
Why criest thou because of thy bruise? thy sorrow is incurable; for the greatness of thine iniquity, [because] thy sins are manifold, I have done these things unto thee.
World English Bible (WEB)
Why cry you for your hurt? your pain is incurable: for the greatness of your iniquity, because your sins were increased, I have done these things to you.
Young's Literal Translation (YLT)
What! -- thou criest concerning thy breach! Incurable `is' thy pain, Because of the abundance of thy iniquity, Mighty have been thy sins! I have done these to thee.
| Why | מַה | ma | ma |
| criest | תִּזְעַק֙ | tizʿaq | teez-AK |
| thou for | עַל | ʿal | al |
| thine affliction? | שִׁבְרֵ֔ךְ | šibrēk | sheev-RAKE |
| sorrow thy | אָנ֖וּשׁ | ʾānûš | ah-NOOSH |
| is incurable | מַכְאֹבֵ֑ךְ | makʾōbēk | mahk-oh-VAKE |
| for | עַ֣ל׀ | ʿal | al |
| the multitude | רֹ֣ב | rōb | rove |
| iniquity: thine of | עֲוֹנֵ֗ךְ | ʿăwōnēk | uh-oh-NAKE |
| because thy sins | עָֽצְמוּ֙ | ʿāṣĕmû | ah-tseh-MOO |
| were increased, | חַטֹּאתַ֔יִךְ | ḥaṭṭōʾtayik | ha-toh-TA-yeek |
| done have I | עָשִׂ֥יתִי | ʿāśîtî | ah-SEE-tee |
| these | אֵ֖לֶּה | ʾēlle | A-leh |
| things unto thee. | לָֽךְ׃ | lāk | lahk |
Cross Reference
यिर्मयाह 30:14
तेरे सब मित्र तुझे भूल गए; वे तुम्हारी सुधि नहीं लेते; क्योंकि तेरे बड़े अधर्म और भारी पापों के कारण, मैं ने शत्रु बन कर तुझे मारा है; मैं ने क्रूर बन कर ताड़ना दी है।
यिर्मयाह 30:12
यहोवा यों कहता है: तेरे दु:ख की कोई औषध नहीं, और तेरी चोट गहिरी और दुखप्रद है।
विलापगीत 3:39
सो जीवित मनुष्य क्यों कुड़कुड़ाए? और पुरुष अपने पाप के दण्ड को क्यों बुरा माने?
विलापगीत 1:5
उसके द्रोही प्रधान हो गए, उसके शत्रु उन्नति कर रहे हैं, क्योंकि यहोवा ने उसके बहुत से अपराधों के कारण उसे दु:ख दिया है; उसके बाल-बच्चों को शत्रु हांक हांक कर बंधुआई में ले गए।
यिर्मयाह 46:11
हे मिस्र की कुमारी कन्या, गिलाद को जा कर बलसान औषधि ले; तू व्यर्थ ही बहुत इलाज करती है, तू चंगी नहीं होगी!
यिर्मयाह 32:30
क्योंकि इस्राएल और यहूदा, जो काम मुझे बुरा लगता है, वही लड़कपन से करते आए हैं; इस्राएली अपनी बनाई हुई वस्तुओं से मुझ को रिस ही रिस दिलाते आए हैं, यहोवा की यह वाणी है।
यिर्मयाह 30:17
मैं तेरा इलाज कर के तेरे घावों को चंगा करूंगा, यहोवा की यह वाणी है; क्योंकि तेरा नाम ठुकराई हुई पड़ा है: वह तो सिय्योन है, उसकी चिन्ता कौन करता है?
यिर्मयाह 15:18
मेरी पीड़ा क्यों लगातार बनी रहती है? मेरी चोट की क्यों कोई औषधि नहीं है? क्या तू सचमुच मेरे लिये धोखा देने वाली नदी और सूखने वाले जल के समान होगा?
यिर्मयाह 11:13
हे यहूदा, जितने तेरे नगर हैं उतने ही तेरे देवता भी हैं; और यरूशलेम के निवासियों ने हर एक सड़क में उस लज्जापूर्ण बाल की वेदियां बना बनाकर उसके लिये धूप जलाया है।
विलापगीत 4:13
यह उसके भविष्यद्वक्ताओं के पापों और उसके याजकों के अधर्म के कामों के कारण हुआ है; क्योंकि वे उसके बीच धर्मियों की हत्या करते आए हैं।
विलापगीत 5:16
हमारे सिर पर का मुकुट गिर पड़ा है; हम पर हाय, क्योंकि हम ने पाप किया है!
यहेजकेल 16:1
फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
यहेजकेल 20:1
सातवें वर्ष के पांचवें महीने के दसवें दिन को इस्राएल के कितने पुरनिये यहोवा से प्रश्न करने को आए, और मेरे साम्हने बैठ गए।
यहेजकेल 22:1
और यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
होशे 5:12
इसलिए मैं एप्रैम के लिए कीड़े के समान और यहूदा के घराने के लिए सड़ाहट के समान हूंगा॥
मीका 1:9
क्योंकि उसका घाव असाध्य है; और विपत्ति यहूदा पर भी आ पड़ी, वरन वह मेरे जातिभाइयों पर पड़कर यरूशलेम के फाटक तक पहुंच गई है॥
मीका 7:9
मैं ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है, इस कारण मैं उस समय तक उसके क्रोध को सहता रहूंगा जब तक कि वह मेरा मुकद्दमा लड़ कर मेरा न्याय न चुकाएगा। उस समय वह मुझे उजियाले में निकाल ले आएगा, और मैं उसका धर्म देखूंगा।
सपन्याह 3:1
हाय बलवा करने वाली और अशुद्ध और अन्धेर से भरी हुई नगरी!
मलाकी 4:1
क्योंकि देखो, वह धधकते भट्ठे का सा दिन आता है, जब सब अभिमानी और सब दुराचारी लोग अनाज की खूंटी बन जाएंगे; और उस आने वाले दिन में वे ऐसे भस्म हो जाएंगे कि उनका पता तक न रहेगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
यिर्मयाह 9:1
भला होता, कि मेरा सिर जल ही जल, और मेरी आंखें आँसुओं का सोता होतीं, कि मैं रात दिन अपने मारे हुए लोगों के लिये रोता रहता।
यिर्मयाह 7:8
देखो, तुम झूठी बातों पर भरोसा रखते हो जिन से कुछ लाभ नहीं हो सकता।
यशायाह 1:21
जो नगरी सती थी सो क्योंकर व्यभिचारिन हो गई! वह न्याय से भरी थी और उस में धर्म पाया जाता था, परन्तु अब उस में हत्यारे ही पाए जाते हैं। तेरी चान्दी घातु का मैल हो गई,
यशायाह 1:4
हाय, यह जाति पाप से कैसी भरी है! यह समाज अधर्म से कैसा लदा हुआ है! इस वंश के लोग कैसे कुकर्मी हैं, ये लड़के-बाले कैसे बिगड़े हुए हैं! उन्होंने यहोवा को छोड़ दिया, उन्होंने इस्राएल के पवित्र को तुच्छ जाना है! वे पराए बनकर दूर हो गए हैं॥
अय्यूब 34:29
जब वह चैन देता तो उसे कौन दोषी ठहरा सकता है? और जब वह मुंह फेर ले, तब कौन उसका दर्शन पा सकता है? जाति भर के साथ और अकेले मनुष्य, दोनों के साथ उसका बराबर व्यवहार है
अय्यूब 34:6
यद्यपि मैं सच्चाई पर हूं, तौभी झूठा ठहरता हूँ, मैं निरपराध हूँ, परन्तु मेरा घाव असाध्य है।
नहेमायाह 9:26
परन्तु वे तुझ से फिरकर बलवा करने वाले बन गए और तेरी व्यवस्था को त्याग दिया, और तेरे जो नबी तेरी ओर उन्हें फेरने के लिये उन को चिताते रहे उन को उन्होंने घात किया, और तेरा बहुत तिरस्कार किया।
एज्रा 9:13
और उस सब के बाद जो हमारे बुरे कामों और बड़े दोष के कारण हम पर बीता है, जब कि हे हमारे परमेश्वर तू ने हमारे अधर्म के बराबर हमें दण्ड नहीं दिया, वरन हम में से कितनों को बचा रखा है,
एज्रा 9:6
हे मेरे परमेश्वर! मुझे तेरी ओर अपना मुंह उठाते लाज आती है, और हे मेरे परमेश्वर! मेरा मुंह काला है; क्योंकि हम लोगों के अधर्म के काम हमारे सिर पर बढ़ गए हैं, और हमारा दोष बढ़ते बढ़ते आकाश तक पहुंचा है
2 इतिहास 36:14
वरन सब प्रधान याजकों ने और लोगों ने भी अन्य जातियों के से घिनौने काम कर के बहुत बड़ा विश्वासघात किया, और यहोवा के भवन को जो उसने यरूशलेम में पवित्र किया था, अशुद्ध कर डाला।
यशायाह 5:2
उसने उसकी मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उस में उत्तम जाति की एक दाखलता लगाई; उसके बीच में उसने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुण्ड भी खोदा; तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उस में निकम्मी दाखें ही लगीं॥
यशायाह 30:13
इस कारण यह अधर्म तुम्हारे लिये ऊंची भीत का टूटा हुआ भाग होगा जो फटकर गिरने पर हो, और वह अचानक पल भर में टूटकर गिर पड़ेगा,
यिर्मयाह 6:13
क्योंकि उन में छोटे से ले कर बड़े तक सब के सब लालची हैं; और क्या भविष्यद्वक्ता क्या याजक सब के सब छल से काम करते हैं।
यिर्मयाह 6:6
सेनाओं का यहोवा तुम से कहता है, वृक्ष काट काटकर यरूशलेम के विरुद्ध दमदमा बान्धो! यह वही नगर है जो दण्ड के योग्य है; इस में अन्धेर ही अनधेर भरा हुआ है।
यिर्मयाह 5:25
परन्तु तुम्हारे अधर्म के कामों ही के कारण वे रुक गए, और तुम्हारे पापों ही के कारण तुम्हारी भलाई नहीं होती।
यिर्मयाह 5:6
इस कारण वन में से एक सिंह आकर उन्हें मार डालेगा, निर्जल देश का एक भेडिय़ा उन को नाश करेगा। और एक चीता उनके नगरों के पास घात लगाए रहेगा, और जो कोई उन में से निकले वह फाड़ा जाएगा; क्योंकि उनके अपराध बहुत बढ़ गए हैं और वे मुझ से बहुत ही दूर हट गए हैं।
यिर्मयाह 2:28
परन्तु जो देवता तू ने बना लिए हैं, वे कहां रहे? यदि वे तेरी विपत्ति के समय तुझे बचा सकते हैं तो अभी उठें; क्योंकि हे यहूदा, तेरे नगरों के बराबर तेरे देवता भी बहुत हैं।
यिर्मयाह 2:19
तेरी बुराई ही तेरी ताड़ना करेगी, और तेरा भटक जाना तुझे उलाहना देगा। जान ले और देख कि अपने परमेश्वर यहोवा को त्यागना, यह बुरी और कड़वी बात है; तुझे मेरा भय ही नहीं रहा, प्रभु सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
यशायाह 59:12
क्योंकि हमारे अपराध तेरे साम्हने बहुत हुए हैं, हमारे पाप हमारे विरुद्ध साक्षी दे रहे हैं; हमारे अपराध हमारे संग हैं और हम अपने अधर्म के काम जानते हैं:
यशायाह 59:1
सुनो, यहोवा का हाथ ऐसा छोटा नहीं हो गया कि उद्धार न कर सके, न वह ऐसा बहिरा हो गया है कि सुन न सके;
यहोशू 9:10
और जो कुछ उसने एमोरियों के दोनों राजाओं से किया जो यरदन के उस पार रहते थे, अर्थात हेश्बोन के राजा सीहोन से, और बाशान के राजा ओग से जो अश्तारोत में था।