Isaiah 40:26
अपनी आंखें ऊपर उठा कर देखो, किस ने इन को सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले ले कर बुलाता है? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में के कोई बिना आए नहीं रहता॥
Isaiah 40:26 in Other Translations
King James Version (KJV)
Lift up your eyes on high, and behold who hath created these things, that bringeth out their host by number: he calleth them all by names by the greatness of his might, for that he is strong in power; not one faileth.
American Standard Version (ASV)
Lift up your eyes on high, and see who hath created these, that bringeth out their host by number; he calleth them all by name; by the greatness of his might, and for that he is strong in power, not one is lacking.
Bible in Basic English (BBE)
Let your eyes be lifted up on high, and see: who has made these? He who sends out their numbered army: who has knowledge of all their names: by whose great strength, because he is strong in power, all of them are in their places.
Darby English Bible (DBY)
Lift up your eyes on high, and see! Who hath created these things, bringing out their host by number? He calleth them all by name; through the greatness of his might and strength of power, not one faileth.
World English Bible (WEB)
Lift up your eyes on high, and see who has created these, who brings out their host by number; he calls them all by name; by the greatness of his might, and because he is strong in power, not one is lacking.
Young's Literal Translation (YLT)
Lift up on high your eyes, And see -- who hath prepared these? He who is bringing out by number their host, To all of them by name He calleth, By abundance of strength (And `he is' strong in power) not one is lacking.
| Lift up | שְׂאוּ | śĕʾû | seh-OO |
| your eyes | מָר֨וֹם | mārôm | ma-ROME |
| high, on | עֵינֵיכֶ֤ם | ʿênêkem | ay-nay-HEM |
| and behold | וּרְאוּ֙ | ûrĕʾû | oo-reh-OO |
| who | מִי | mî | mee |
| created hath | בָרָ֣א | bārāʾ | va-RA |
| these | אֵ֔לֶּה | ʾēlle | A-leh |
| out bringeth that things, | הַמּוֹצִ֥יא | hammôṣîʾ | ha-moh-TSEE |
| their host | בְמִסְפָּ֖ר | bĕmispār | veh-mees-PAHR |
| by number: | צְבָאָ֑ם | ṣĕbāʾām | tseh-va-AM |
| calleth he | לְכֻלָּם֙ | lĕkullām | leh-hoo-LAHM |
| them all | בְּשֵׁ֣ם | bĕšēm | beh-SHAME |
| by names | יִקְרָ֔א | yiqrāʾ | yeek-RA |
| by the greatness | מֵרֹ֤ב | mērōb | may-ROVE |
| might, his of | אוֹנִים֙ | ʾônîm | oh-NEEM |
| strong is he that for | וְאַמִּ֣יץ | wĕʾammîṣ | veh-ah-MEETS |
| in power; | כֹּ֔חַ | kōaḥ | KOH-ak |
| not | אִ֖ישׁ | ʾîš | eesh |
| one | לֹ֥א | lōʾ | loh |
| faileth. | נֶעְדָּֽר׃ | neʿdār | neh-DAHR |
Cross Reference
यशायाह 51:6
आकाश की ओर अपनी आंखें उठाओ, और पृथ्वी को निहारो; क्योंकि आकाश धुंए ही नाईं लोप हो जाएगा, पृथ्वी कपड़े के समान पुरानी हो जाएगी, और उसके रहने वाले यों ही जाते रहेंगे; परन्तु जो उद्धार मैं करूंगा वह सर्वदा ठहरेगा, और मेरे धर्म का अन्त न होगा॥
यशायाह 48:13
निश्चय मेरे ही हाथ ने पृथ्वी की नेव डाली, और मेरे ही दाहिने हाथ ने आकाश फैलाया; जब मैं उन को बुलाता हूं, वे एक साथ उपस्थित हो जाते हैं॥
कुलुस्सियों 1:16
क्योंकि उसी में सारी वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।
यिर्मयाह 32:17
हे प्रभु यहोवा, तू ने बड़े सामर्थ और बढ़ाई हुई भुजा से आकाश और पृथ्वी को बनाया है! तेरे लिये कोई काम कठिन नहीं है।
भजन संहिता 89:11
आकाश तेरा है, पृथ्वी भी तेरी है; जगत और जो कुछ उस में है, उसे तू ही ने स्थिर किया है।
यिर्मयाह 10:11
तुम उन से यह कहना, ये देवता जिन्होंने आकाश और पृथ्वी को नहीं बनाया वे पृथ्वी के ऊपर से और आकाश के नीचे से नष्ट हो जाएंगे।
यशायाह 45:7
मैं उजियाले का बनाने वाला और अन्धियारे का सृजनहार हूं, मैं शान्ति का दाता और विपत्ति को रचता हूं, मैं यहोवा ही इन सभों का कर्त्ता हूं।
यशायाह 44:24
यहोवा, तेरा उद्धारकर्त्ता, जो तुझे गर्भ ही से बनाता आया है, यों कहता है, मैं यहोवा ही सब का बनाने वाला हूं जिसने अकेले ही आकाश को ताना और पृथ्वी को अपनी ही शक्ति से फैलाया है।
यशायाह 42:5
ईश्वर जो आकाश का सृजने और तानने वाला है, जो उपज सहित पृथ्वी का फैलाने वाला और उस पर के लोगों को सांस और उस पर के चलने वालों को आत्मा देने वाला यहावो है, वह यों कहता है:
यशायाह 34:16
यहोवा की पुस्तक से ढूंढ़कर पढ़ो इन में से एक भी बात बिना पूरा हुए न रहेगी; कोई बिना जोड़ा न रहेगा। क्योंकि मैं ने अपने मुंह से यह आज्ञा दी है और उसी की आत्मा ने उन्हें इकट्ठा किया है।
भजन संहिता 148:3
हे सूर्य और चन्द्रमा उसकी स्तुति करो, हे सब ज्योतिमय तारागण उसकी स्तुति करो!
भजन संहिता 147:4
वह तारों को गिनता, और उन में से एक एक का नाम रखता है।
भजन संहिता 102:25
आदि में तू ने पृथ्वी की नेव डाली, और आकाश तेरे हाथों का बनाया हुआ है।
भजन संहिता 19:1
आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है।
भजन संहिता 8:3
जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तरागण को जो तू ने नियुक्त किए हैं, देखता हूं;
अय्यूब 31:26
वा सूर्य को चमकते वा चन्द्रमा को महाशोभा से चलते हुए देखकर
व्यवस्थाविवरण 4:19
वा जब तुम आकाश की ओर आंखे उठा कर, सूर्य, चंद्रमा, और तारों को, अर्थात आकाश का सारा तारागण देखो, तब बहककर उन्हें दण्डवत करके उनकी सेवा करने लगो जिन को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने धरती पर के सब देश वालों के लिये रखा है।
उत्पत्ति 2:1
यों आकाश और पृथ्वी और उनकी सारी सेना का बनाना समाप्त हो गया।