Isaiah 32:2
हर एक मानो आंधी से छिपने का स्थान, और बौछार से आड़ होगा; या निर्जल देश में जल के झरने, व तप्त भूमि में बड़ी चट्टान की छाया।
Isaiah 32:2 in Other Translations
King James Version (KJV)
And a man shall be as an hiding place from the wind, and a covert from the tempest; as rivers of water in a dry place, as the shadow of a great rock in a weary land.
American Standard Version (ASV)
And a man shall be as a hiding-place from the wind, and a covert from the tempest, as streams of water in a dry place, as the shade of a great rock in a weary land.
Bible in Basic English (BBE)
And a man will be as a safe place from the wind, and a cover from the storm; as rivers of water in a dry place, as the shade of a great rock in a waste land.
Darby English Bible (DBY)
And a man shall be as a hiding-place from the wind, and a covert from the storm; as brooks of water in a dry place, as the shadow of a great rock in a thirsty land.
World English Bible (WEB)
A man shall be as a hiding-place from the wind, and a covert from the tempest, as streams of water in a dry place, as the shade of a great rock in a weary land.
Young's Literal Translation (YLT)
And each hath been as a hiding-place `from' wind, And as a secret hiding-place `from' inundation, As rivulets of waters in a dry place, As a shadow of a heavy rock in a weary land.
| And a man | וְהָיָה | wĕhāyâ | veh-ha-YA |
| shall be | אִ֥ישׁ | ʾîš | eesh |
| place hiding an as | כְּמַֽחֲבֵא | kĕmaḥăbēʾ | keh-MA-huh-vay |
| wind, the from | ר֖וּחַ | rûaḥ | ROO-ak |
| and a covert | וְסֵ֣תֶר | wĕsēter | veh-SAY-ter |
| from the tempest; | זָ֑רֶם | zārem | ZA-rem |
| rivers as | כְּפַלְגֵי | kĕpalgê | keh-fahl-ɡAY |
| of water | מַ֣יִם | mayim | MA-yeem |
| in a dry place, | בְּצָי֔וֹן | bĕṣāyôn | beh-tsa-YONE |
| shadow the as | כְּצֵ֥ל | kĕṣēl | keh-TSALE |
| of a great | סֶֽלַע | selaʿ | SEH-la |
| rock | כָּבֵ֖ד | kābēd | ka-VADE |
| in a weary | בְּאֶ֥רֶץ | bĕʾereṣ | beh-EH-rets |
| land. | עֲיֵפָֽה׃ | ʿăyēpâ | uh-yay-FA |
Cross Reference
यशायाह 25:4
क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका भीत पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रोंके लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ।
यशायाह 9:6
क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा।
भजन संहिता 143:9
हे यहोवा, मुझे शत्रुओं से बचा ले; मैं तेरी ही आड़ में आ छिपा हूं।
यशायाह 7:14
इस कारण प्रभु आप ही तुम को एक चिन्ह देगा। सुनो, एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानूएल रखेगी।
यशायाह 41:18
मैं मुण्डे टीलों से भी नदियां और मैदानों के बीच में सोते बहऊंगा; मैं जंगल को ताल और निर्जल देश को सोते ही सोते कर दूंगा।
यशायाह 43:20
गीदड़ और शुतर्मुर्ग आदि जंगली जन्तु मेरी महिमा करेंगे; क्योंकि मैं अपनी चुनी हुई प्रजा के पीने के लिये जंगल में जल और निर्जल देश में नदियां बहाऊंगा।
यशायाह 44:3
क्योंकि मैं प्यासी भूमि पर जल और सूखी भूमि पर धाराएं बहाऊंगा; मैं तेरे वंश पर अपनी आत्मा और तेरी सन्तान पर अपनी आशीष उण्डेलूंगा।
जकर्याह 13:7
सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, हे तलवार, मेरे ठहराए हुए चरवाहे के विरुद्ध अर्थात जो पुरूष मेरा स्वजाति है, उसके विरुद्ध चल। तू उस चरवाहे को काट, तब भेड़-बकरियां तितर-बितर हो जाएंगी; और बच्चों पर मैं अपने हाथ बढ़ाऊंगा।
प्रकाशित वाक्य 22:1
फिर उस ने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेंम्ने के सिंहासन से निकल कर उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी।
1 तीमुथियुस 3:16
और इस में सन्देह नहीं, कि भक्ति का भेद गम्भीर है; अर्थात वह जो शरीर में प्रगट हुआ, आत्मा में धर्मी ठहरा, स्वर्गदूतों को दिखाई दिया, अन्यजातियों में उसका प्रचार हुआ, जगत में उस पर विश्वास किया गया, और महिमा में ऊपर उठाया गया॥
यूहन्ना 7:37
फिर पर्व के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पीए।
मत्ती 7:24
इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिस ने अपना घर चट्टान पर बनाया।
मीका 5:4
और वह खड़ा हो कर यहोवा की दी हुई शक्ति से, और अपने परमेश्वर यहोवा के नाम के प्रताप से, उनकी चरवाही करेगा। और वे सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि अब वह पृथ्वी की छोर तक महान् ठहरेगा॥
भजन संहिता 32:7
तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा॥
भजन संहिता 63:1
हे परमेश्वर, तू मेरा ईश्वर है, मैं तुझे यत्न से ढूंढूंगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है।
भजन संहिता 146:3
तुम प्रधानों पर भरोसा न रखना, न किसी आदमी पर, क्योंकि उस में उद्धार करने की भी शक्ति नहीं।
यशायाह 4:5
तब यहोवा सिय्योन पर्वत के एक एक घर के ऊपर, और उसके सभास्थानों के ऊपर, दिन को तो धूंए का बादल, और रात को धधकती आग का प्रकाश सिरजेगा, और समस्त वैभव के ऊपर एक मण्डप छाया रहेगा।
यशायाह 8:10
तुम युक्ति करो तो करो, परन्तु वह निष्फल हो जाएगी, तुम कुछ भी कहो, परन्तु तुम्हारा कहा हुआ ठहरेगा नहीं, क्योंकि परमेश्वर हमारे संग है॥
यशायाह 26:20
हे मेरे लोगों, आओ, अपनी अपनी कोठरी में प्रवेश कर के किवाड़ों को बन्द करो; थोड़ी देर तक जब तक क्रोध शान्त न हो तब तक अपने को छिपा रखो।
यशायाह 28:17
और मैं न्याय को डोरी और धर्म को साहुल ठहराऊंगा; और तुम्हारा झूठ का शरणस्थान ओलों से बह जाएगा, और तुम्हारे छिपने का स्थान जल से डूब जाएगा।
यशायाह 32:18
मेरे लोग शान्ति के स्थानों में निश्चिन्त रहेंगे, और विश्राम के स्थानों में सुख से रहेंगे।
यशायाह 35:6
तब लंगड़ा हरिण की सी चौकडिय़ां भरेगा और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे। क्योंकि जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरूभूमि में नदियां बहने लगेंगी
भजन संहिता 31:2
अपना कान मेरी ओर लगाकर तुरन्त मुझे छुड़ा ले!