Habakkuk 1:13
तेरी आंखें ऐसी शुद्ध हैं कि तू बुराई को देख ही नहीं सकता, और उत्पात को देखकर चुप नहीं रह सकता; फिर तू विश्वासघातियों को क्यों देखता रहता, और जब दुष्ट निर्दोष को निगल जाता है, तब तू क्यों चुप रहता है?
Habakkuk 1:13 in Other Translations
King James Version (KJV)
Thou art of purer eyes than to behold evil, and canst not look on iniquity: wherefore lookest thou upon them that deal treacherously, and holdest thy tongue when the wicked devoureth the man that is more righteous than he?
American Standard Version (ASV)
Thou that art of purer eyes than to behold evil, and that canst not look on perverseness, wherefore lookest thou upon them that deal treacherously, and holdest thy peace when the wicked swalloweth up the man that is more righteous than he;
Bible in Basic English (BBE)
Before your holy eyes sin may not be seen, and you are unable to put up with wrong; why, then, are your eyes on the false? why do you say nothing when the evil-doer puts an end to one who is more upright than himself?
Darby English Bible (DBY)
[Thou art] of purer eyes than to behold evil, and canst not look on mischief: wherefore lookest thou upon them that deal treacherously, [and] keepest silence when the wicked swalloweth up a [man] more righteous than he?
World English Bible (WEB)
You who have purer eyes than to see evil, and who cannot look on perversity, why do you tolerate those who deal treacherously, and keep silent when the wicked swallows up the man who is more righteous than he,
Young's Literal Translation (YLT)
Purer of eyes than to behold evil, To look on perverseness Thou art not able, Why dost Thou behold the treacherous? Thou keepest silent when the wicked Doth swallow the more righteous than he,
| Thou art of purer | טְה֤וֹר | ṭĕhôr | teh-HORE |
| eyes | עֵינַ֙יִם֙ | ʿênayim | ay-NA-YEEM |
| behold to than | מֵרְא֣וֹת | mērĕʾôt | may-reh-OTE |
| evil, | רָ֔ע | rāʿ | ra |
| canst and | וְהַבִּ֥יט | wĕhabbîṭ | veh-ha-BEET |
| not | אֶל | ʾel | el |
| look | עָמָ֖ל | ʿāmāl | ah-MAHL |
| on | לֹ֣א | lōʾ | loh |
| iniquity: | תוּכָ֑ל | tûkāl | too-HAHL |
| wherefore | לָ֤מָּה | lāmmâ | LA-ma |
| lookest | תַבִּיט֙ | tabbîṭ | ta-BEET |
| treacherously, deal that them upon thou | בּֽוֹגְדִ֔ים | bôgĕdîm | boh-ɡeh-DEEM |
| and holdest thy tongue | תַּחֲרִ֕ישׁ | taḥărîš | ta-huh-REESH |
| wicked the when | בְּבַלַּ֥ע | bĕballaʿ | beh-va-LA |
| devoureth | רָשָׁ֖ע | rāšāʿ | ra-SHA |
| righteous more is that man the | צַדִּ֥יק | ṣaddîq | tsa-DEEK |
| than | מִמֶּֽנּוּ׃ | mimmennû | mee-MEH-noo |
Cross Reference
भजन संहिता 34:15
यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं।
प्रेरितों के काम 3:13
इब्राहीम और इसहाक और याकूब के परमेश्वर, हमारे बाप दादों के परमेश्वर ने अपने सेवक यीशु की महिमा की, जिसे तुम ने पकड़वा दिया, और जब पीलातुस ने उसे छोड़ देने का विचार किया, तब तुम ने उसके साम्हने उसका इन्कार किया।
यिर्मयाह 12:1
हे यहोवा, यदि मैं तुझ से मुक़द्दमा लड़ूं, तौभी तू धमीं है; मुझे अपने साथ इस विषय पर वादविवाद करने दे। दुष्टों की चाल क्यों सफल होती है? क्या कारण है कि विश्वासघाती बहुत सुख से रहते हैं?
भजन संहिता 50:21
यह काम तू ने किया, और मैं चुप रहा; इसलिये तू ने समझ लिया कि परमेश्वर बिलकुल मेरे समान है। परन्तु मैं तुझे समझाऊंगा, और तेरी आंखों के साम्हने सब कुछ अलग अलग दिखाऊंगा॥
भजन संहिता 35:22
हे यहोवा, तू ने तो देखा है; चुप न रह! हे प्रभु, मुझ से दूर न रह!
भजन संहिता 10:15
दुष्ट की भुजा को तोड़ डाल; और दुर्जन की दुष्टता को ढूँढ़ ढूँढ़ कर निकाल जब तक कि सब उसमें से दूर न हो जाए
यशायाह 21:2
कष्ट की बातों का मुझे दर्शन दिखाया गया है; विश्वासघाती विश्वासघात करता है, और नाशक नाश करता है। हे एलाम, चढ़ाई कर, हे मादै, घेर ले; उसका सब कराहना मैं बन्द करता हूं।
यशायाह 33:1
हाथ तुझ नाश करने वाले पर जो नाश नहीं किया गया था; हाथ तुझ विश्वासघाती पर, जिसके साथ विश्वासघात नहीं किया गया! जब तू नाश कर चुके, तब तू नाश किया जाएगा; और जब तू विश्वासघात कर चुके, तब तेरे साथ विश्वासघात किया जाएगा॥
यशायाह 64:12
हे यहोवा, क्या इन बातों के होते भी तू अपने को रोके रहेगा? क्या तू हम लोगों को इस अत्यन्त दुर्दशा में रहने देगा?
हबक्कूक 1:3
तू मुझे अनर्थ काम क्यों दिखाता है? और क्या कारण है कि तू उत्पात को देखता ही रहता है? मेरे साम्हने लूट-पाट और उपद्रव होते रहते हैं; और झगड़ा हुआ करता है और वादविवाद बढ़ता जाता है।
प्रेरितों के काम 2:23
उसी को, जब वह परमेश्वर की ठहराई हुई मनसा और होनहार के ज्ञान के अनुसार पकड़वाया गया, तो तुम ने अधमिर्यों के हाथ से उसे क्रूस पर चढ़वा कर मार डाला।
1 पतरस 1:15
पर जैसा तुम्हारा बुलाने वाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चाल चलन में पवित्र बनो।
नीतिवचन 31:8
गूंगे के लिये अपना मुंह खोल, और सब अनाथों का न्याय उचित रीति से किया कर।
भजन संहिता 83:1
हे परमेश्वर मौन न रह; हे ईश्वर चुप न रह, और न शांत रह!
1 राजा 2:32
और यहोवा उसके सिर वह खून लौटा देगा क्योंकि उसने मेरे पिता दाऊद के बिना जाने अपने से अधिक धमीं और भले दो पुरुषों पर, अर्थात इस्राएल के प्रधान सेनापति नेर के पुत्र अब्नेर और यहूदा के प्रधान सेनापति येतेर के पुत्र अमासा पर टूटकर उन को तलवार से मार डाला था।
एस्तेर 4:14
क्योंकि जो तू इस समय चुपचाप रहे, तो और किसी न किसी उपाय से यहूदियों का छुटकारा और उद्धार हो जाएगा, परन्तु तू अपने पिता के घराने समेत नाश होगी। फिर क्या जाने तुझे ऐसे ही कठिन समय के लिये राजपद मिल गया हो?
अय्यूब 15:15
देख, वह अपने पवित्रों पर भी विश्वास नहीं करता, और स्वर्ग भी उसकी दृष्टि में निर्मल नहीं है।
भजन संहिता 5:4
क्योंकि तू ऐसा ईश्वर नहीं जो दुष्टता से प्रसन्न हो; बुराई तेरे साथ नहीं रह सकती।
भजन संहिता 10:1
हे यहोवा तू क्यों दूर खड़ा रहता है? संकट के समय में क्यों छिपा रहता है?
भजन संहिता 11:4
परमेश्वर अपने पवित्र भवन में है; परमेश्वर का सिंहासन स्वर्ग में है; उसकी आंखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं और उसकी पलकें उन को जांचती हैं।
भजन संहिता 37:12
दुष्ट धर्मी के विरुद्ध बुरी युक्ति निकालता है, और उस पर दांत पीसता है;
भजन संहिता 37:32
दुष्ट धर्मी की ताक में रहता है। और उसके मार डालने का यत्न करता है।
भजन संहिता 50:3
हमारा परमेश्वर आएगा और चुपचाप न रहेगा, आग उसके आगे आगे भस्म करती जाएगी; और उसके चारों ओर बड़ी आंधी चलेगी।
भजन संहिता 56:1
हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मनुष्य मुझे निगलना चाहते हैं। वे दिन भर लड़कर मुझे सताते हैं।
भजन संहिता 73:3
क्योंकि जब मैं दुष्टों का कुशल देखता था, तब उन घमण्डियों के विषय डाह करता था॥
2 शमूएल 4:11
फिर जब दुष्ट मनुष्यों ने एक निर्दोष मनुष्य को उसी के घर में, वरन उसकी चारपाई ही पर घात किया, तो मैं अब अवश्य ही उसके खून का पलटा तुम से लूंगा, और तुम्हें धरती पर से नष्ट कर डालूंगा।