1 Samuel 25:36
तब अबीगैल नाबाल के पास लौट गई; और क्या देखती है, कि वह घर में राजा की सी जेवनार कर रहा है। और नाबाल का मन मगन है, और वह नशे में अति चूर हो गया है; इसलिये उसने भोर के उजियाले होने से पहिले उस से कुछ भी न कहा।
1 Samuel 25:36 in Other Translations
King James Version (KJV)
And Abigail came to Nabal; and, behold, he held a feast in his house, like the feast of a king; and Nabal's heart was merry within him, for he was very drunken: wherefore she told him nothing, less or more, until the morning light.
American Standard Version (ASV)
And Abigail came to Nabal; and, behold, he held a feast in his house, like the feast of a king; and Nabal's heart was merry within him, for he was very drunken: wherefore she told him nothing, less or more, until the morning light.
Bible in Basic English (BBE)
And Abigail went back to Nabal; and he was feasting in his house like a king; and Nabal's heart was full of joy, for he had taken much wine; so she said nothing to him till dawn came.
Darby English Bible (DBY)
And Abigail came to Nabal; and behold, he held a feast in his house, like the feast of a king; and Nabal's heart was merry within him, for he was drunken to excess; so she told him nothing, less or more, until the morning light.
Webster's Bible (WBT)
And Abigail came to Nabal; and behold, he held a feast in his house, like the feast of a king; and Nabal's heart was merry within him, for he was very drunken: Therefore she told him nothing, less or more, until the morning light.
World English Bible (WEB)
Abigail came to Nabal; and, behold, he held a feast in his house, like the feast of a king; and Nabal's heart was merry within him, for he was very drunken: therefore she told him nothing, less or more, until the morning light.
Young's Literal Translation (YLT)
And Abigail cometh in unto Nabal, and lo, he hath a banquet in his house, like a banquet of the king, and the heart of Nabal `is' glad within him, and he `is' drunk unto excess, and she hath not declared to him anything, less or more, till the light of the morning.
| And Abigail | וַתָּבֹ֣א | wattābōʾ | va-ta-VOH |
| came | אֲבִיגַ֣יִל׀ | ʾăbîgayil | uh-vee-ɡA-yeel |
| to | אֶל | ʾel | el |
| Nabal; | נָבָ֡ל | nābāl | na-VAHL |
| behold, and, | וְהִנֵּה | wĕhinnē | veh-hee-NAY |
| he held a feast | לוֹ֩ | lô | loh |
| house, his in | מִשְׁתֶּ֨ה | mište | meesh-TEH |
| like the feast | בְּבֵית֜וֹ | bĕbêtô | beh-vay-TOH |
| king; a of | כְּמִשְׁתֵּ֣ה | kĕmištē | keh-meesh-TAY |
| and Nabal's | הַמֶּ֗לֶךְ | hammelek | ha-MEH-lek |
| heart | וְלֵ֤ב | wĕlēb | veh-LAVE |
| merry was | נָבָל֙ | nābāl | na-VAHL |
| within | ט֣וֹב | ṭôb | tove |
| him, for he | עָלָ֔יו | ʿālāyw | ah-LAV |
| very was | וְה֥וּא | wĕhûʾ | veh-HOO |
| שִׁכֹּ֖ר | šikkōr | shee-KORE | |
| drunken: | עַד | ʿad | ad |
| told she wherefore | מְאֹ֑ד | mĕʾōd | meh-ODE |
| him nothing, | וְלֹֽא | wĕlōʾ | veh-LOH |
| הִגִּ֣ידָה | higgîdâ | hee-ɡEE-da | |
| less | לּ֗וֹ | lô | loh |
| more, or | דָּבָ֥ר | dābār | da-VAHR |
| until | קָטֹ֛ן | qāṭōn | ka-TONE |
| the morning | וְגָד֖וֹל | wĕgādôl | veh-ɡa-DOLE |
| light. | עַד | ʿad | ad |
| א֥וֹר | ʾôr | ore | |
| הַבֹּֽקֶר׃ | habbōqer | ha-BOH-ker |
Cross Reference
नीतिवचन 20:1
दाखमधु ठट्ठा करने वाला और मदिरा हल्ला मचाने वाली है; जो कोई उसके कारण चूक करता है, वह बुद्धिमान नहीं।
2 शमूएल 13:28
और अबशालोम ने अपने सेवकों को आज्ञा दी, कि सावधान रहो और जब अम्नोन दाखमधु पीकर नशे में आ जाए, और मैं तुम से कहूं, अम्नोन को मार डालना। क्या इस आज्ञा का देनेवाला मैं नहीं हूं? हियाव बान्धकर पुरुषार्थ करना।
2 शमूएल 13:23
दो वर्ष के बाद अबशालोम ने एप्रैम के निकट के बाल्हासोर में अपनी भेड़ों का ऊन कतरवाया और अबशालोम ने सब राजकुमारों को नेवता दिया।
1 शमूएल 25:19
और उसने अपने जवानों से कहा, तुम मेरे आगे आगे चलो, मैं तुम्हारे पीछे पीछे आती हूं; परन्तु उसने अपने पति नाबाल से कुछ न कहा।
मत्ती 10:16
देखो, मैं तुम्हें भेड़ों की नाईं भेडिय़ों के बीच में भेजता हूं सो सांपों की नाईं बुद्धिमान और कबूतरों की नाईं भोले बनो।
लूका 14:12
तब उस ने अपने नेवता देने वाले से भी कहा, जब तू दिन का या रात का भोज करे, तो अपने मित्रों या भाइयों या कुटुम्बियों या धनवान पड़ोसियों न बुला, कहीं ऐसा न हो, कि वे भी तुझे नेवता दें, और तेरा बदला हो जाए।
लूका 21:34
इसलिये सावधान रहो, ऐसा न हो कि तुम्हारे मन खुमार और मतवालेपन, और इस जीवन की चिन्ताओं से सुस्त हो जाएं, और वह दिन तुम पर फन्दे की नाईं अचानक आ पड़े।
रोमियो 13:13
जैसा दिन को सोहता है, वैसा ही हम सीधी चाल चलें; न कि लीला क्रीड़ा, और पियक्कड़पन, न व्यभिचार, और लुचपन में, और न झगड़े और डाह में।
इफिसियों 5:14
इस कारण वह कहता है, हे सोने वाले जाग और मुर्दों में से जी उठ; तो मसीह की ज्योति तुझ पर चमकेगी॥
इफिसियों 5:18
और दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इस से लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ।
1 थिस्सलुनीकियों 5:7
क्योंकि जो सोते हैं, वे रात ही को सोते हैं, और जो मतवाले होते हैं, वे रात ही को मतवाले होते हैं।
हबक्कूक 2:15
हाय उस पर, जो अपने पड़ोसी को मदिरा पिलाता, और उस में विष मिलाकर उसको मतवाला कर देता है कि उसको नंगा देखे।
नहूम 1:10
क्योंकि चाहे वे कांटों से उलझे हुए हों, और मदिरा के नशे में चूर भी हों, तौभी वे सूखी खूंटी की नाईं भस्म किए जाएंगे।
होशे 4:11
वेश्यागमन और दाखमधु और ताजा दाखमधु, ये तीनों बुद्धि को भ्रष्ट करते हैं।
1 राजा 20:16
ये दोपहर को निकल गए, उस समय बेन्हदद अपने सहायक बत्तीसों राजाओं समेत डेरों में दारू पीकर मतवाला हो रहा था।
एस्तेर 1:3
वहां उसने अपने राज्य के तीसरे वर्ष में अपने सब हाकिमों और कर्मचारियों की जेवनार की। फ़ारस और मादै के सेनापति और प्रान्त- प्रान्त के प्रधान और हाकिम उसके सम्मुख आ गए।
भजन संहिता 112:5
जो पुरूष अनुग्रह करता और उधार देता है, उसका कल्याण होता है, वह न्याय में अपने मुकद्दमें को जीतेगा।
सभोपदेशक 2:2
मैं ने हंसी के विषय में कहा, यह तो बावलापन है, और आनन्द के विषय में, उस से क्या प्राप्त होता है?
सभोपदेशक 10:19
भोज हंसी खुशी के लिये किया जाता है, और दाखमधु से जीवन को आनन्द मिलता है; और रूपयों से सब कुछ प्राप्त होता है।
यशायाह 5:11
हाय उन पर जो बड़े तड़के उठ कर मदिरा पीने लगते हैं और बड़ी रात तक दाखमधु पीते रहते हैं जब तक उन को गर्मी न चढ़ जाए!
यशायाह 28:3
एप्रैमी मत वालों के घमण्ड का मुकुट पांव से लताड़ा जाएगा;
यशायाह 28:7
ये भी दाखमधु के कारण डगमगाते और मदिरा से लड़खड़ाते हैं; याजक और नबी भी मदिरा के कारण डगमगाते हैं, दाखमधु ने उन को भुला दिया है, वे मदिरा के कारण लड़खड़ाते और दर्शन पाते हुए भटक जाते, और न्याय में भूल करते हैं।
यिर्मयाह 51:57
मैं उसके हाकिमों, पण्डितों, अधिपतियों, रईसों, और शूरवीरों को ऐसा मतवाला करूंगा कि वे सदा की नींद में पड़ेंगे और फिर न जागेंगे, सेनाओं के यहोवा, जिसका नाम राजाधिराज है, उसकी यही वाणी है
दानिय्येल 5:1
बेलशस्सर नाम राजा ने अपने हजार प्रधानों के लिये बड़ी जेवनार की, और उन हजार लोगों के साम्हने दाखमधु पिया॥
नीतिवचन 23:29
कौन कहता है, हाय? कौन कहता है, हाय हाय? कौन झगड़े रगड़े में फंसता है? कौन बक बक करता है? किस के अकारण घाव होते हैं? किस की आंखें लाल हो जाती हैं?