Romans 3:5
सो यदि हमारा अधर्म परमेश्वर की धामिर्कता ठहरा देता है, तो हम क्या कहें ?क्या यह कि परमेश्वर जो क्रोध करता है अन्यायी है? यह तो मैं मनुष्य की रीति पर कहता हूं।
But | εἰ | ei | ee |
if | δὲ | de | thay |
our | ἡ | hē | ay |
ἀδικία | adikia | ah-thee-KEE-ah | |
unrighteousness | ἡμῶν | hēmōn | ay-MONE |
commend | θεοῦ | theou | thay-OO |
righteousness the | δικαιοσύνην | dikaiosynēn | thee-kay-oh-SYOO-nane |
of God, | συνίστησιν | synistēsin | syoon-EE-stay-seen |
what | τί | ti | tee |
shall we say? | ἐροῦμεν | eroumen | ay-ROO-mane |
Is | μὴ | mē | may |
ἄδικος | adikos | AH-thee-kose | |
God | ὁ | ho | oh |
unrighteous | θεὸς | theos | thay-OSE |
who | ὁ | ho | oh |
taketh | ἐπιφέρων | epipherōn | ay-pee-FAY-rone |
τὴν | tēn | tane | |
vengeance? | ὀργήν | orgēn | ore-GANE |
(I speak | κατὰ | kata | ka-TA |
as | ἄνθρωπον | anthrōpon | AN-throh-pone |
a man) | λέγω | legō | LAY-goh |