Psalm 70
1 हे परमेश्वर मुझे छुड़ाने के लिये, हे यहोवा मेरी सहायता करने के लिये फुर्ती कर!
2 जो मेरे प्राण के खोजी हैं, उनकी आशा टूटे, और मुंह काला हो जाए! जो मेरी हानि से प्रसन्न होते हैं, वे पीछे हटाए और निरादर किए जाएं।
3 जो कहते हैं, आहा, आहा, वे अपनी लज्जा के मारे उलटे फेरे जाएं॥
4 जितने तुझे ढूंढ़ते हैं, वे सब तेरे कारण हर्षित और आनन्दित हों! और जो तेरा उद्धार चाहते हैं, वे निरन्तर कहते रहें, कि परमेश्वर की बड़ाई हो।
5 मैं तो दीन और दरिद्र हूं; हे परमेश्वर मेरे लिये फुर्ती कर! तू मेरा सहायक और छुड़ाने वाला है; हे यहोवा विलम्ब न कर!
1 To the chief Musician, A Psalm of David, to bring to remembrance.
2 Make haste, O God, to deliver me; make haste to help me, O Lord.
3 Let them be ashamed and confounded that seek after my soul: let them be turned backward, and put to confusion, that desire my hurt.
4 Let them be turned back for a reward of their shame that say, Aha, aha.
5 Let all those that seek thee rejoice and be glad in thee: and let such as love thy salvation say continually, Let God be magnified.
6 But I am poor and needy: make haste unto me, O God: thou art my help and my deliverer; O Lord, make no tarrying.