Psalm 28
1 हे यहोवा, मैं तुझी को पुकारूंगा; हे मेरी चट्टान, मेरी सुनी अनसुनी न कर, ऐसा न हो कि तेरे चुप रहने से मैं कब्र में पड़े हुओं के समान हो जाऊं जो पाताल में चले जाते हैं।
2 जब मैं तेरी दोहाई दूं, और तेरे पवित्र स्थान की भीतरी कोठरी की ओर अपने हाथ उठाऊं, तब मेरी गिड़गिड़ाहट की बात सुन ले।
3 उन दुष्टों और अनर्थकारियों के संग मुझे न घसीट; जो अपने पड़ोसियों बातें तो मेल की बोलते हैं परन्तु हृदय में बुराई रखते हैं।
4 उनके कामों के और उनकी करनी की बुराई के अनुसार उन से बर्ताव कर, उनके हाथों के काम के अनुसार उन्हें बदला दे; उनके कामों का पलटा उन्हें दे।
5 वे यहोवा के कामों पर और उसके हाथों के कामों पर ध्यान नहीं करते, इसलिये वह उन्हें पछाड़ेगा और फिर न उठाएगा॥
6 यहोवा धन्य है; क्योंकि उसने मेरी गिड़गिड़ाहट को सुना है।
7 यहोवा मेरा बल और मेरी ढ़ाल है; उस पर भरोसा रखने से मेरे मन को सहायता मिली है; इसलिये मेरा हृदय प्रफुल्लित है; और मैं गीत गाकर उसका धन्यवाद करूंगा।
8 यहोवा उनका बल है, वह अपने अभिषिक्त के लिये उद्धार का दृढ़ गढ़ है।
9 हे यहोवा अपनी प्रजा का उद्धार कर, और अपने निज भाग के लोगों को आशीष दे; और उनकी चरवाही कर और सदैव उन्हें सम्भाले रह॥
1 A Psalm of David.
2 Unto thee will I cry, O Lord my rock; be not silent to me: lest, if thou be silent to me, I become like them that go down into the pit.
3 Hear the voice of my supplications, when I cry unto thee, when I lift up my hands toward thy holy oracle.
4 Draw me not away with the wicked, and with the workers of iniquity, which speak peace to their neighbours, but mischief is in their hearts.
5 Give them according to their deeds, and according to the wickedness of their endeavours: give them after the work of their hands; render to them their desert.
6 Because they regard not the works of the Lord, nor the operation of his hands, he shall destroy them, and not build them up.
7 Blessed be the Lord, because he hath heard the voice of my supplications.
8 The Lord is my strength and my shield; my heart trusted in him, and I am helped: therefore my heart greatly rejoiceth; and with my song will I praise him.
9 The Lord is their strength, and he is the saving strength of his anointed.
10 Save thy people, and bless thine inheritance: feed them also, and lift them up for ever.