Philippians 4:11
यह नहीं कि मैं अपनी घटी के कारण यह कहता हूं; क्योंकि मैं ने यह सीखा है कि जिस दशा में हूं, उसी में सन्तोष करूं।
Philippians 4:11 in Other Translations
King James Version (KJV)
Not that I speak in respect of want: for I have learned, in whatsoever state I am, therewith to be content.
American Standard Version (ASV)
Not that I speak in respect of want: for I have learned, in whatsoever state I am, therein to be content.
Bible in Basic English (BBE)
But I will not say anything about my needs, for I am able, wherever I am, to be dependent on myself.
Darby English Bible (DBY)
Not that I speak as regards privation, for as to me *I* have learnt in those circumstances in which I am, to be satisfied in myself.
World English Bible (WEB)
Not that I speak in respect to lack, for I have learned in whatever state I am, to be content in it.
Young's Literal Translation (YLT)
not that in respect of want I say `it', for I did learn in the things in which I am -- to be content;
| Not | οὐχ | ouch | ook |
| that | ὅτι | hoti | OH-tee |
| I speak | καθ' | kath | kahth |
| of respect in | ὑστέρησιν | hysterēsin | yoo-STAY-ray-seen |
| want: | λέγω | legō | LAY-goh |
| for | ἐγὼ | egō | ay-GOH |
| I | γὰρ | gar | gahr |
| learned, have | ἔμαθον | emathon | A-ma-thone |
| in | ἐν | en | ane |
| whatsoever state | οἷς | hois | oos |
| am, I | εἰμι | eimi | ee-mee |
| therewith to be | αὐτάρκης | autarkēs | af-TAHR-kase |
| content. | εἶναι | einai | EE-nay |
Cross Reference
1 Timothy 6:6
पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है।
Hebrews 13:5
तुम्हारा स्वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उस ने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा।
Matthew 6:31
इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे?
Philippians 3:8
वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं।
2 Corinthians 9:8
और परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो।
Hebrews 10:34
क्योंकि तुम कैदियों के दुख में भी दुखी हुए, और अपनी संपत्ति भी आनन्द से लुटने दी; यह जान कर, कि तुम्हारे पास एक और भी उत्तम और सर्वदा ठहरने वाली संपत्ति है।
2 Corinthians 11:27
परिश्रम और कष्ट में; बार बार जागते रहने में; भूख-पियास में; बार बार उपवास करने में; जाड़े में; उघाड़े रहने में।
2 Corinthians 6:10
शोक करने वालों के समान हैं, परन्तु सर्वदा आनन्द करते हैं, कंगालों के जैसे हैं, परन्तु बहुतों को धनवान बना देते हैं; ऐसे हैं जैसे हमारे पास कुछ नहीं तौभी सब कुछ रखते हैं।
2 Corinthians 8:9
तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह जानते हो, कि वह धनी होकर भी तुम्हारे लिये कंगाल बन गया ताकि उसके कंगाल हो जाने से तुम धनी हो जाओ।
1 Corinthians 4:11
हम इस घड़ी तक भूखे-प्यासे और नंगे हैं, और घूंसे खाते हैं और मारे मारे फिरते हैं;
Luke 3:14
और सिपाहियों ने भी उस से यह पूछा, हम क्या करें? उस ने उन से कहा, किसी पर उपद्रव न करना, और न झूठा दोष लगाना, और अपनी मजदूरी पर सन्तोष करना॥
Genesis 28:20
और याकूब ने यह मन्नत मानी, कि यदि परमेश्वर मेरे संग रहकर इस यात्रा में मेरी रक्षा करे, और मुझे खाने के लिये रोटी, और पहिनने के लिये कपड़ा दे,
Exodus 2:21
और मूसा उस पुरूष के साथ रहने को प्रसन्न हुआ; उसने उसे अपनी बेटी सिप्पोरा को ब्याह दिया।