Matthew 6:25
इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्ता न करना कि हम क्या खाएंगे? और क्या पीएंगे? और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहिनेंगे? क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्त्र से बढ़कर नहीं?
Matthew 6:25 in Other Translations
King James Version (KJV)
Therefore I say unto you, Take no thought for your life, what ye shall eat, or what ye shall drink; nor yet for your body, what ye shall put on. Is not the life more than meat, and the body than raiment?
American Standard Version (ASV)
Therefore I say unto you, be not anxious for your life, what ye shall eat, or what ye shall drink; nor yet for your body, what ye shall put on. Is not the life more than the food, and the body than the raiment?
Bible in Basic English (BBE)
So I say to you, Take no thought for your life, about food or drink, or about clothing for your body. Is not life more than food, and the body more than its clothing?
Darby English Bible (DBY)
For this cause I say unto you, Do not be careful about your life, what ye should eat and what ye should drink; nor for your body what ye should put on. Is not the life more than food, and the body than raiment?
World English Bible (WEB)
Therefore, I tell you, don't be anxious for your life: what you will eat, or what you will drink; nor yet for your body, what you will wear. Isn't life more than food, and the body more than clothing?
Young's Literal Translation (YLT)
`Because of this I say to you, be not anxious for your life, what ye may eat, and what ye may drink, nor for your body, what ye may put on. Is not the life more than the nourishment, and the body than the clothing?
| Therefore | διὰ | dia | thee-AH |
| τοῦτο | touto | TOO-toh | |
| I say | λέγω | legō | LAY-goh |
| you, unto | ὑμῖν, | hymin | yoo-MEEN |
| Take no | μὴ | mē | may |
| thought | μεριμνᾶτε | merimnate | may-reem-NA-tay |
| τῇ | tē | tay | |
| your for | ψυχῇ | psychē | psyoo-HAY |
| life, | ὑμῶν, | hymōn | yoo-MONE |
| what | τί | ti | tee |
| ye shall eat, | φάγητε | phagēte | FA-gay-tay |
| or | καὶ | kai | kay |
| what | τί | ti | tee |
| ye shall drink; | πίητε, | piēte | PEE-ay-tay |
| yet nor | μηδὲ | mēde | may-THAY |
| τῷ | tō | toh | |
| for your | σώματι | sōmati | SOH-ma-tee |
| body, | ὑμῶν, | hymōn | yoo-MONE |
| what | τί | ti | tee |
| on. put shall ye | ἐνδύσησθε· | endysēsthe | ane-THYOO-say-sthay |
| Is | οὐχὶ | ouchi | oo-HEE |
| not | ἡ | hē | ay |
| the | ψυχὴ | psychē | psyoo-HAY |
| life | πλεῖόν | pleion | PLEE-ONE |
| more | ἐστιν | estin | ay-steen |
| τῆς | tēs | tase | |
| than meat, | τροφῆς | trophēs | troh-FASE |
| and | καὶ | kai | kay |
| the | τὸ | to | toh |
| body | σῶμα | sōma | SOH-ma |
| τοῦ | tou | too | |
| than raiment? | ἐνδύματος; | endymatos | ane-THYOO-ma-tose |
Cross Reference
Matthew 6:31
इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे?
Philippians 4:6
किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।
1 Peter 5:7
और अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है।
Matthew 6:34
सो कल के लिये चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है॥
Luke 12:22
फिर उस ने अपने चेलों से कहा; इसलिये मैं तुम से कहता हूं, अपने प्राण की चिन्ता न करो, कि हम क्या खाएंगे; न अपने शरीर की कि क्या पहिनेंगे।
Matthew 6:27
तुम में कौन है, जो चिन्ता करके अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है
1 Corinthians 7:32
सो मैं यह चाहता हूं, कि तुम्हें चिन्ता न हो: अविवाहित पुरूष प्रभु की बातों की चिन्ता में रहता है, कि प्रभु को क्योंकर प्रसन्न रखे।
Psalm 55:22
अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा॥
Matthew 10:19
जब वे तुम्हें पकड़वाएंगे तो यह चिन्ता न करना, कि हम किस रीति से; या क्या कहेंगे: क्योंकि जो कुछ तुम को कहना होगा, वह उसी घड़ी तुम्हें बता दिया जाएगा।
Romans 8:32
जिस ने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा?
Luke 12:4
परन्तु मैं तुम से जो मेरे मित्र हो कहता हूं, कि जो शरीर को घात करते हैं परन्तु उसके पीछे और कुछ नहीं कर सकते उन से मत डरो।
Matthew 13:22
जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्ता और धन का धोखा वचन को दबाता है, और वह फल नहीं लाता।
Hebrews 13:5
तुम्हारा स्वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उस ने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा।
2 Timothy 2:4
जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता
Luke 12:11
जब लोग तुम्हें सभाओं और हाकिमों और अधिकारियों के साम्हने ले जाएं, तो चिन्ता न करना कि हम किस रीति से या क्या उत्तर दें, या क्या कहें।
Luke 12:8
मैं तुम से कहता हूं जो कोई मनुष्यों के साम्हने मुझे मान लेगा उसे मनुष्य का पुत्र भी परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामहने मान लेगा।
Luke 10:40
पर मार्था सेवा करते करते घबरा गई और उसके पास आकर कहने लगी; हे प्रभु, क्या तुझे कुछ भी सोच नहीं कि मेरी बहिन ने मुझे सेवा करने के लिये अकेली ही छोड़ दिया है? सो उस से कह, कि मेरी सहायता करे।
Luke 8:14
जो झाड़ियों में गिरा, सो वे हैं, जो सुनते हैं, पर होते होते चिन्ता और धन और जीवन के सुख विलास में फंस जाते हैं, और उन का फल नहीं पकता।
Mark 13:11
जब वे तुम्हें ले जाकर सौंपेंगे, तो पहिले से चिन्ता न करना, कि हम क्या कहेंगे; पर जो कुछ तुम्हें उसी घड़ी बताया जाए, वही कहना; क्योंकि बोलने वाले तुम नहीं हो, परन्तु पवित्र आत्मा है।
Mark 4:19
और संसार की चिन्ता, और धन का धोखा, और और वस्तुओं का लोभ उन में समाकर वचन को दबा देता है। और वह निष्फल रह जाता है।
Matthew 5:22
परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई अपने भाई पर क्रोध करेगा, वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा: और जो कोई अपने भाई को निकम्मा कहेगा वह महासभा में दण्ड के योग्य होगा; और जो कोई कहे “अरे मूर्ख” वह नरक की आग के दण्ड के योग्य होगा।