Matthew 15:19
क्योंकि कुचिन्ता, हत्या, पर स्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा मन ही से निकलतीं है।
Matthew 15:19 in Other Translations
King James Version (KJV)
For out of the heart proceed evil thoughts, murders, adulteries, fornications, thefts, false witness, blasphemies:
American Standard Version (ASV)
For out of the heart come forth evil thoughts, murders, adulteries, fornications, thefts, false witness, railings:
Bible in Basic English (BBE)
For out of the heart come evil thoughts, the taking of life, broken faith between the married, unclean desires of the flesh, taking of property, false witness, bitter words:
Darby English Bible (DBY)
For out of the heart come forth evil thoughts, murders, adulteries, fornications, thefts, false witnessings, blasphemies;
World English Bible (WEB)
For out of the heart come forth evil thoughts, murders, adulteries, sexual sins, thefts, false testimony, and blasphemies.
Young's Literal Translation (YLT)
for out of the heart come forth evil thoughts, murders, adulteries, whoredoms, thefts, false witnessings, evil speakings:
| For | ἐκ | ek | ake |
| out | γὰρ | gar | gahr |
| of the | τῆς | tēs | tase |
| heart | καρδίας | kardias | kahr-THEE-as |
| proceed | ἐξέρχονται | exerchontai | ayks-ARE-hone-tay |
| evil | διαλογισμοὶ | dialogismoi | thee-ah-loh-gee-SMOO |
| thoughts, | πονηροί | ponēroi | poh-nay-ROO |
| murders, | φόνοι | phonoi | FOH-noo |
| adulteries, | μοιχεῖαι | moicheiai | moo-HEE-ay |
| fornications, | πορνεῖαι | porneiai | pore-NEE-ay |
| thefts, | κλοπαί | klopai | kloh-PAY |
| false witness, | ψευδομαρτυρίαι | pseudomartyriai | psave-thoh-mahr-tyoo-REE-ay |
| blasphemies: | βλασφημίαι | blasphēmiai | vla-sfay-MEE-ay |
Cross Reference
Galatians 5:19
शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्दे काम, लुचपन।
James 1:13
जब किसी की परीक्षा हो, तो वह यह न कहे, कि मेरी परीक्षा परमेश्वर की ओर से होती है; क्योंकि न तो बुरी बातों से परमेश्वर की परीक्षा हो सकती है, और न वह किसी की परीक्षा आप करता है।
Psalm 119:113
मैं दुचित्तों से तो बैर रखता हूं, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूं।
Jeremiah 17:9
मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है, उस में असाध्य रोग लगा है; उसका भेद कौन समझ सकता है?
Acts 8:22
इसलिये अपनी इस बुराई से मन फिराकर प्रभु से प्रार्थना कर, सम्भव है तेरे मन का विचार क्षमा किया जाए।
Romans 3:10
जैसा लिखा है, कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं।
Titus 3:2
किसी को बदनाम न करें; झगडालू न हों: पर कोमल स्वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें।
Romans 7:18
क्योंकि मैं जानता हूं, कि मुझ में अर्थात मेरे शरीर में कोई अच्छी वस्तु वास नहीं करती, इच्छा तो मुझ में है, परन्तु भले काम मुझ से बन नहीं पड़ते।
Mark 7:21
क्योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता, व्यभिचार।
Matthew 9:4
यीशु ने उन के मन की बातें मालूम करके कहा, कि तुम लोग अपने अपने मन में बुरा विचार क्यों कर रहे हो?
Jeremiah 4:14
हे यरूशलेम, अपना हृदय बुराई से धो, कि, तुम्हारा उद्धार हो जाए। तुम कब तक व्यर्थ कल्पनाएं करते रहोगे?
Isaiah 59:7
वे बुराई करने को दौड़ते हैं, और निर्दोष की हत्या करने को तत्पर रहते हैं; उनकी युक्तियां व्यर्थ हैं, उजाड़ और विनाश ही उनके मार्गों में हैं।
Genesis 6:5
और यहोवा ने देखा, कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है सो निरन्तर बुरा ही होता है।
Genesis 8:21
इस पर यहोवा ने सुखदायक सुगन्ध पाकर सोचा, कि मनुष्य के कारण मैं फिर कभी भूमि को शाप न दूंगा, यद्यपि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है; तौभी जैसा मैं ने सब जीवों को अब मारा है, वैसा उन को फिर कभी न मारूंगा।
Proverbs 4:23
सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।
Proverbs 6:14
उसके मन में उलट फेर की बातें रहतीं, वह लगातार बुराई गढ़ता है और झगड़ा-रगड़ा उत्पन्न करता है।
Proverbs 22:15
लड़के के मन में मूढ़ता की गाँठ बन्धी रहती है, परन्तु छड़ी की ताड़ना के द्वारा वह उस से दूर की जाती है।
Proverbs 24:9
मूर्खता का विचार भी पाप है, और ठट्ठा करने वाले से मनुष्य घृणा करते हैं॥
Isaiah 55:7
दुष्ट अपनी चालचलन और अनर्थकारी अपने सोच विचार छोड़कर यहोवा ही की ओर फिरे, वह उस पर दया करेगा, वह हमारे परमेश्वर की ओर फिरे और वह पूरी रीति से उसको क्षमा करेगा।
Ephesians 2:1
और उस ने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
Romans 8:7
क्योंकि शरीर पर मन लगाना तो परमेश्वर से बैर रखना है, क्योंकि न तो परमेश्वर की व्यवस्था के आधीन है, और न हो सकता है।