Jonah 2:6
मैं पहाड़ों की जड़ तक पहुंच गया था; मैं सदा के लिये भूमि में बन्द हो गया था; तौभी हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने मेरे प्राणों को गड़हे में से उठाया है।
I went down | לְקִצְבֵ֤י | lĕqiṣbê | leh-keets-VAY |
to the bottoms | הָרִים֙ | hārîm | ha-REEM |
mountains; the of | יָרַ֔דְתִּי | yāradtî | ya-RAHD-tee |
the earth | הָאָ֛רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
with her bars | בְּרִחֶ֥יהָ | bĕriḥêhā | beh-ree-HAY-ha |
was about | בַעֲדִ֖י | baʿădî | va-uh-DEE |
ever: for me | לְעוֹלָ֑ם | lĕʿôlām | leh-oh-LAHM |
yet hast thou brought up | וַתַּ֧עַל | wattaʿal | va-TA-al |
life my | מִשַּׁ֛חַת | miššaḥat | mee-SHA-haht |
from corruption, | חַיַּ֖י | ḥayyay | ha-YAI |
O Lord | יְהוָ֥ה | yĕhwâ | yeh-VA |
my God. | אֱלֹהָֽי׃ | ʾĕlōhāy | ay-loh-HAI |