John 14:17
अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा।
John 14:17 in Other Translations
King James Version (KJV)
Even the Spirit of truth; whom the world cannot receive, because it seeth him not, neither knoweth him: but ye know him; for he dwelleth with you, and shall be in you.
American Standard Version (ASV)
`even' the Spirit of truth: whom the world cannot receive; for it beholdeth him not, neither knoweth him: ye know him; for he abideth with you, and shall be in you.
Bible in Basic English (BBE)
Even the Spirit of true knowledge. That Spirit the world is not able to take to its heart because it sees him not and has no knowledge of him: but you have knowledge of him, because he is ever with you and will be in you.
Darby English Bible (DBY)
the Spirit of truth, whom the world cannot receive, because it does not see him nor know him; but ye know him, for he abides with you, and shall be in you.
World English Bible (WEB)
the Spirit of truth, whom the world can't receive; for it doesn't see him, neither knows him. You know him, for he lives with you, and will be in you.
Young's Literal Translation (YLT)
the Spirit of truth, whom the world is not able to receive, because it doth not behold him, nor know him, and ye know him, because he doth remain with you, and shall be in you.
| Even the | τὸ | to | toh |
| Spirit | πνεῦμα | pneuma | PNAVE-ma |
| of | τῆς | tēs | tase |
| truth; | ἀληθείας | alētheias | ah-lay-THEE-as |
| whom | ὃ | ho | oh |
| the | ὁ | ho | oh |
| world | κόσμος | kosmos | KOH-smose |
| cannot | οὐ | ou | oo |
| δύναται | dynatai | THYOO-na-tay | |
| receive, | λαβεῖν | labein | la-VEEN |
| because | ὅτι | hoti | OH-tee |
| it seeth | οὐ | ou | oo |
| him | θεωρεῖ | theōrei | thay-oh-REE |
| not, | αὐτὸ | auto | af-TOH |
| neither | οὐδὲ | oude | oo-THAY |
| knoweth | γινώσκει· | ginōskei | gee-NOH-skee |
| him: | αὐτό | auto | af-TOH |
| but | ὑμεῖς | hymeis | yoo-MEES |
| ye | δὲ | de | thay |
| know | γινώσκετε | ginōskete | gee-NOH-skay-tay |
| him; | αὐτὸ, | auto | af-TOH |
| for | ὅτι | hoti | OH-tee |
| dwelleth he | παρ' | par | pahr |
| with | ὑμῖν | hymin | yoo-MEEN |
| you, | μένει | menei | MAY-nee |
| and | καὶ | kai | kay |
| shall be | ἐν | en | ane |
| in | ὑμῖν | hymin | yoo-MEEN |
| you. | ἔσται | estai | A-stay |
Cross Reference
1 John 2:27
और तुम्हारा वह अभिषेक, जो उस की ओर से किया गया, तुम में बना रहता है; और तुम्हें इस का प्रयोजन नही, कि कोई तुम्हें सिखाए, वरन जैसे वह अभिषेक जो उस की ओर से किया गया तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उस ने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उस में बने रहते हो।
1 Corinthians 2:14
परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्योंकि वे उस की दृष्टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्हें जान सकता है क्योंकि उन की जांच आत्मिक रीति से होती है।
John 16:13
परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा।
John 15:26
परन्तु जब वह सहायक आएगा, जिसे मैं तुम्हारे पास पिता की ओर से भेजूंगा, अर्थात सत्य का आत्मा जो पिता की ओर से निकलता है, तो वह मेरी गवाही देगा।
1 John 4:6
हम परमेश्वर के हैं: जो परमेश्वर को जानता है, वह हमारी सुनता है; जो परमेश्वर को नहीं जानता वह हमारी नहीं सुनता; इसी प्रकार हम सत्य की आत्मा और भ्रम की आत्मा को पहचान लेते हैं।
Isaiah 57:15
क्योंकि जो महान और उत्तम और सदैव स्थिर रहता, और जिसका नाम पवित्र है, वह यों कहता है, मैं ऊंचे पर और पवित्र स्थान में निवास करता हूं, और उसके संग भी रहता हूं, जो खेदित और नम्र हैं, कि, नम्र लोगों के हृदय और खेदित लोगों के मन को हषिर्त करूं।
Ezekiel 36:27
और मैं अपना आत्मा तुम्हारे भीतर देकर ऐसा करूंगा कि तुम मेरी विधियों पर चलोगे और मेरे नियमों को मान कर उनके अनुसार करोगे।
John 14:23
यीशु ने उस को उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे।
1 Corinthians 3:16
क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है?
1 Corinthians 6:19
क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो?
2 Corinthians 6:16
और मूरतों के साथ परमेश्वर के मन्दिर का क्या सम्बन्ध? क्योंकि हम तो जीवते परमेश्वर का मन्दिर हैं; जैसा परमेश्वर ने कहा है कि मैं उन में बसूंगा और उन में चला फिरा करूंगा; और मैं उन का परमेश्वर हूंगा, और वे मेरे लोग होंगे।
2 Corinthians 13:5
अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं; अपने आप को जांचो, क्या तुम अपने विषय में यह नहीं जानते, कि यीशु मसीह तुम में है नहीं तो तुम निकम्मे निकले हो।
Revelation 2:17
जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है; जो जय पाए, उस को मैं गुप्त मन्ना में से दूंगा, और उसे एक श्वेत पत्थर भी दूंगा; और उस पत्थर पर एक नाम लिखा हुआ होगा, जिसे उसके पाने वाले के सिवाय और कोई न जानेगा॥
1 John 5:7
और जो गवाही देता है, वह आत्मा है; क्योंकि आत्मा सत्य है।
1 John 4:12
परमेश्वर को कभी किसी ने नहीं देखा; यदि हम आपस में प्रेम रखें, तो परमेश्वर हम में बना रहता है; और उसका प्रेम हम में सिद्ध हो गया है।
1 John 4:4
हे बालको, तुम परमेश्वर के हो: और तुम ने उन पर जय पाई है; क्योंकि जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है।
Isaiah 59:21
और यहोवा यह कहता है, जो वाचा मैं ने उन से बान्धी है वह यह है, कि मेरा आत्मा तुझ पर ठहरा है, और अपने वचन जो मैं ने तेरे मुंह में डाले हैं अब से ले कर सर्वदा तक वे मेरे मुंह से, और, तेरे पुत्रों और पोतों के मुंह से भी कभी न हटेंगे॥
Matthew 10:20
क्योंकि बोलने वाले तुम नहीं हो परन्तु तुम्हारे पिता का आत्मा तुम में बोलता है।
John 14:16
और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे।
Romans 8:9
परन्तु जब कि परमेश्वर का आत्मा तुम में बसता है, तो तुम शारीरिक दशा में नहीं, परन्तु आत्मिक दशा में हो। यदि किसी में मसीह का आत्मा नहीं तो वह उसका जन नहीं।
Romans 8:13
क्योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रीयाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे।
1 Corinthians 14:15
सो क्या करना चाहिए मैं आत्मा से भी प्रार्थना करूंगा, और बुद्धि से भी प्रार्थना करूंगा; मैं आत्मा से गाऊंगा, और बुद्धि से भी गाऊंगा।
Galatians 4:6
और तुम जो पुत्र हो, इसलिये परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को, जो हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारता है, हमारे हृदय में भेजा है।
Ephesians 2:22
जिस में तुम भी आत्मा के द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो॥
Ephesians 3:17
और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर।
Colossians 1:27
जिन पर परमेश्वर ने प्रगट करना चाहा, कि उन्हें ज्ञात हो कि अन्यजातियों में उस भेद की महिमा का मूल्य क्या है और वह यह है, कि मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है।
2 Timothy 1:14
और पवित्र आत्मा के द्वारा जो हम में बसा हुआ है, इस अच्छी थाती की रखवाली कर॥
1 John 3:24
और जो उस की आज्ञाओं को मानता है, वह उस में, और वह उन में बना रहता है: और इसी से, अर्थात उस आत्मा से जो उस ने हमें दिया है, हम जानते हैं, कि वह हम में बना रहता है॥
Proverbs 14:10
मन अपना ही दु:ख जानता है, और परदेशी उसके आनन्द में हाथ नहीं डाल सकता।