James 4:4
हे व्यभिचारिणयों, क्या तुम नहीं जानतीं, कि संसार से मित्रता करनी परमेश्वर से बैर करना है सो जो कोई संसार का मित्र होना चाहता है, वह अपने आप को परमेश्वर का बैरी बनाता है।
Ye adulterers | μοιχοὶ | moichoi | moo-HOO |
and | καὶ | kai | kay |
adulteresses, | μοιχαλίδες | moichalides | moo-ha-LEE-thase |
know ye | οὐκ | ouk | ook |
not | οἴδατε | oidate | OO-tha-tay |
that | ὅτι | hoti | OH-tee |
the | ἡ | hē | ay |
friendship | φιλία | philia | feel-EE-ah |
of the | τοῦ | tou | too |
world | κόσμου | kosmou | KOH-smoo |
is | ἔχθρα | echthra | AKE-thra |
enmity | τοῦ | tou | too |
with | θεοῦ | theou | thay-OO |
God? | ἐστιν | estin | ay-steen |
whosoever | ὃς | hos | ose |
ἂν | an | an | |
therefore | οὖν | oun | oon |
will | βουληθῇ | boulēthē | voo-lay-THAY |
be | φίλος | philos | FEEL-ose |
a friend | εἶναι | einai | EE-nay |
of the of | τοῦ | tou | too |
κόσμου | kosmou | KOH-smoo | |
world | ἐχθρὸς | echthros | ake-THROSE |
is | τοῦ | tou | too |
the enemy | θεοῦ | theou | thay-OO |
God. | καθίσταται | kathistatai | ka-THEE-sta-tay |