Isaiah 32:6
क्योंकि मूढ़ तो मूढ़ता ही की बातें बोलता और मन में अनर्थ ही गढ़ता रहता है कि वह बिन भक्ति के काम करे और यहोवा के विरुद्ध झूठ कहे, भूखे को भूखा ही रहने दे और प्यासे का जल रोक रखे।
Isaiah 32:6 in Other Translations
King James Version (KJV)
For the vile person will speak villany, and his heart will work iniquity, to practise hypocrisy, and to utter error against the LORD, to make empty the soul of the hungry, and he will cause the drink of the thirsty to fail.
American Standard Version (ASV)
For the fool will speak folly, and his heart will work iniquity, to practise profaneness, and to utter error against Jehovah, to make empty the soul of the hungry, and to cause the drink of the thirsty to fail.
Bible in Basic English (BBE)
For the foolish man will say foolish things, having evil thoughts in his heart, working what is unclean, and talking falsely about the Lord, to keep food from him who is in need of it, and water from him whose soul is desiring it.
Darby English Bible (DBY)
for the vile man will speak villainy, and his heart will work iniquity, to practise hypocrisy, and to utter error against Jehovah, to make empty the soul of the hungry, and to cause the drink of the thirsty to fail.
World English Bible (WEB)
For the fool will speak folly, and his heart will work iniquity, to practice profanity, and to utter error against Yahweh, to make empty the soul of the hungry, and to cause the drink of the thirsty to fail.
Young's Literal Translation (YLT)
For a fool speaketh folly, And his heart doth iniquity, to do profanity, And to speak concerning Jehovah error, To empty the soul of the hungry, Yea, drink of the thirsty he causeth to lack.
| For | כִּ֤י | kî | kee |
| the vile person | נָבָל֙ | nābāl | na-VAHL |
| speak will | נְבָלָ֣ה | nĕbālâ | neh-va-LA |
| villany, | יְדַבֵּ֔ר | yĕdabbēr | yeh-da-BARE |
| and his heart | וְלִבּ֖וֹ | wĕlibbô | veh-LEE-boh |
| work will | יַעֲשֶׂה | yaʿăśe | ya-uh-SEH |
| iniquity, | אָ֑וֶן | ʾāwen | AH-ven |
| to practise | לַעֲשׂ֣וֹת | laʿăśôt | la-uh-SOTE |
| hypocrisy, | חֹ֗נֶף | ḥōnep | HOH-nef |
| utter to and | וּלְדַבֵּ֤ר | ûlĕdabbēr | oo-leh-da-BARE |
| error | אֶל | ʾel | el |
| against | יְהוָה֙ | yĕhwāh | yeh-VA |
| Lord, the | תּוֹעָ֔ה | tôʿâ | toh-AH |
| to make empty | לְהָרִיק֙ | lĕhārîq | leh-ha-REEK |
| the soul | נֶ֣פֶשׁ | nepeš | NEH-fesh |
| hungry, the of | רָעֵ֔ב | rāʿēb | ra-AVE |
| drink the cause will he and | וּמַשְׁקֶ֥ה | ûmašqe | oo-mahsh-KEH |
| of the thirsty | צָמֵ֖א | ṣāmēʾ | tsa-MAY |
| to fail. | יַחְסִֽיר׃ | yaḥsîr | yahk-SEER |
Cross Reference
Isaiah 3:15
सेनाओं के प्रभु यहोवा की यह वाणी है, तुम क्यों मेरी प्रजा को दलते, और दीन लोगों को पीस डालते हो!
1 Samuel 24:13
प्राचीनों के नीति वचन के अनुसार दुष्टता दुष्टों से होती है; परन्तु मेरा हाथ तुझ पर न उठेगा।
Matthew 12:34
हे सांप के बच्चों, तुम बुरे होकर क्योंकर अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुंह पर आता है।
Matthew 15:19
क्योंकि कुचिन्ता, हत्या, पर स्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा मन ही से निकलतीं है।
Matthew 23:13
हे कपटी शास्त्रियों और फरीसियों तुम पर हाय!
Acts 5:3
परन्तु पतरस ने कहा; हे हनन्याह! शैतान ने तेरे मन में यह बात क्यों डाली है कि तू पवित्र आत्मा से झूठ बोले, और भूमि के दाम में से कुछ रख छोड़े?
Acts 8:21
इस बात में न तेरा हिस्सा है, न बांटा; क्योंकि तेरा मन परमेश्वर के आगे सीधा नहीं।
James 1:14
परन्तु प्रत्येक व्यक्ति अपनी ही अभिलाषा में खिंच कर, और फंस कर परीक्षा में पड़ता है।
James 1:27
हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्कलंक रखें॥
James 3:5
वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती है: देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है।
Micah 3:1
और मैं ने कहा, हे याकूब के प्रधानों, हे इस्राएल के घराने के न्याइयों, सुनो! क्या न्याय का भेद जानना तुम्हारा काम नहीं?
Micah 2:1
हाय उन पर, जो बिछौनों पर पड़े हुए बुराइयों की कल्पना करते और दुष्ट कर्म की इच्छा करते हैं, और बलवन्त होने के कारण भोर को दिन निकलते ही वे उसको पूरा करते हैं।
Amos 8:6
कि हम कंगालों को रूपया देकर, और दरिद्रों को एक जोड़ी जूतियां देकर मोल लें, और निकम्मा अन्न बेचें?
Job 22:5
क्या तेरी बुराई बहुत नहीं? तेरे अधर्म के कामों का कुछ अन्त नहीं।
Job 24:2
कुछ लोग भूमि की सीमा को बढ़ाते, और भेड़ बकरियां छीन कर चराते हैं।
Psalm 58:1
हे मनुष्यों, क्या तुम सचमुच धर्म की बात बोलते हो? और हे मनुष्यवंशियों क्या तुम सीधाई से न्याय करते हो?
Proverbs 11:24
ऐसे हैं, जो छितरा देते हैं, तौभी उनकी बढ़ती ही होती है; और ऐसे भी हैं जो यथार्थ से कम देते हैं, और इस से उनकी घटती ही होती है।
Proverbs 19:3
मूढ़ता के कारण मनुष्य का मार्ग टेढ़ा होता है, और वह मन ही मन यहोवा से चिढ़ने लगता है।
Isaiah 9:17
इस कारण प्रभु न तो इनके जवानों से प्रसन्न होगा, और न इनके अनाथ बालकों और विधवाओं पर दया करेगा; क्योंकि हर एक भक्तिहीन और कुकर्मी है, और हर एक के मुख से मूर्खता की बातें निकलती हैं। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है॥
Jeremiah 13:23
क्या हबशी अपना चमड़ा, वा चीता अपने धब्बे बदल सकता है? यदि वे ऐसा कर सकें, तो तू भी, जो बुराई करना सीख गई है, भलाई कर सकेगी।
Hosea 7:6
जब तक वे घात लगाए रहते हैं, तब तक वे अपना मन तन्दूर की नाईं तैयार किए रहते हैं; उन का पकाने वाला रात भर सोता रहता है; वह भोर को तन्दूर की धधकती लौ के समान लाल हो जाता है।
Amos 2:6
यहोवा यों कहता है, इस्राएल के तीन क्या, वरन चार अपराधों के कारण, मैं उसका दण्ड न छोडूंगा; क्योंकि उन्होंने निर्दोष को रूपये के लिये और दरिद्र को एक जोड़ी जूतियों के लिये बेच डाला है।
1 Samuel 25:10
नाबाल ने दाऊद के जनों को उत्तर देकर उन से कहा, दाऊद कौन है? यिशै का पुत्र कौन है? आज कल बहुत से दास अपने अपने स्वामी के पास से भाग जाते हैं।