Isaiah 1:30
क्योंकि तुम पत्ते मुर्झाए हुए बांजवृझ के, और बिना जल की बारी के समान हो जाओगे।
For | כִּ֣י | kî | kee |
ye shall be | תִֽהְי֔וּ | tihĕyû | tee-heh-YOO |
as an oak | כְּאֵלָ֖ה | kĕʾēlâ | keh-ay-LA |
whose leaf | נֹבֶ֣לֶת | nōbelet | noh-VEH-let |
fadeth, | עָלֶ֑הָ | ʿālehā | ah-LEH-ha |
and as a garden | וּֽכְגַנָּ֔ה | ûkĕgannâ | oo-heh-ɡa-NA |
that | אֲשֶׁר | ʾăšer | uh-SHER |
hath no | מַ֖יִם | mayim | MA-yeem |
water. | אֵ֥ין | ʾên | ane |
לָֽהּ׃ | lāh | la |