Zechariah 7:5
सब साधारण लोगों से और याजकों से कह, कि जब तुम इन सत्तर वर्षों के बीच पांचवें और सातवें महीनों में उपवास और विलाप करते थे, तब क्या तुम सचमुच मेरे ही लिये उपवास करते थे?
Zechariah 7:5 in Other Translations
King James Version (KJV)
Speak unto all the people of the land, and to the priests, saying, When ye fasted and mourned in the fifth and seventh month, even those seventy years, did ye at all fast unto me, even to me?
American Standard Version (ASV)
Speak unto all the people of the land, and to the priests, saying, When ye fasted and mourned in the fifth and in the seventh `month', even these seventy years, did ye at all fast unto me, even to me?
Bible in Basic English (BBE)
Say to all the people of the land and to the priests, When you went without food and gave yourselves to grief in the fifth and the seventh months for these seventy years, did you ever do it because of me?
Darby English Bible (DBY)
Speak unto all the people of the land, and to the priests, saying, When ye fasted and mourned in the fifth and in the seventh [month], even those seventy years, did ye really fast unto me, [even] unto me?
World English Bible (WEB)
"Speak to all the people of the land, and to the priests, saying, 'When you fasted and mourned in the fifth and in the seventh month for these seventy years, did you at all fast to me, really to me?
Young's Literal Translation (YLT)
`Speak unto all the people of the land, and unto the priests, saying:
| Speak | אֱמֹר֙ | ʾĕmōr | ay-MORE |
| unto | אֶל | ʾel | el |
| all | כָּל | kāl | kahl |
| the people | עַ֣ם | ʿam | am |
| of the land, | הָאָ֔רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
| to and | וְאֶל | wĕʾel | veh-EL |
| the priests, | הַכֹּהֲנִ֖ים | hakkōhănîm | ha-koh-huh-NEEM |
| saying, | לֵאמֹ֑ר | lēʾmōr | lay-MORE |
| When | כִּֽי | kî | kee |
| fasted ye | צַמְתֶּ֨ם | ṣamtem | tsahm-TEM |
| and mourned | וְסָפ֜וֹד | wĕsāpôd | veh-sa-FODE |
| fifth the in | בַּחֲמִישִׁ֣י | baḥămîšî | ba-huh-mee-SHEE |
| and seventh | וּבַשְּׁבִיעִ֗י | ûbaššĕbîʿî | oo-va-sheh-vee-EE |
| those even month, | וְזֶה֙ | wĕzeh | veh-ZEH |
| seventy | שִׁבְעִ֣ים | šibʿîm | sheev-EEM |
| years, | שָׁנָ֔ה | šānâ | sha-NA |
| all at ye did | הֲצ֥וֹם | hăṣôm | huh-TSOME |
| fast | צַמְתֻּ֖נִי | ṣamtunî | tsahm-TOO-nee |
| unto me, even to me? | אָֽנִי׃ | ʾānî | AH-nee |
Cross Reference
जकर्याह 1:12
तब यहोवा के दूत ने कहा, हे सेनाओं के यहोवा, तू जो यरूशलेम और यहूदा के नगरों पर सत्तर वर्ष से क्रोधित है, सो तू उन पर कब तक दया न करेगा?
जकर्याह 7:3
और सेनाओं के यहोवा के भवन के याजकों से और भविष्यद्वक्ताओं से भी यह पूछें, क्या हमें उपवास कर के रोना चाहिये जैसे कि कितने वर्षों से हम पांचवें महीने में करते आए हैं?
यशायाह 1:11
यहोवा यह कहता है, तुम्हारे बहुत से मेलबलि मेरे किस काम के हैं? मैं तो मेढ़ों के होमबलियों से और पाले हुए पशुओं की चर्बी से अघा गया हूं;
कुलुस्सियों 3:23
और जो कुछ तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझ कर कि मनुष्यों के लिये नहीं परन्तु प्रभु के लिये करते हो।
2 कुरिन्थियों 5:15
और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा।
1 कुरिन्थियों 10:31
सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो।
रोमियो 14:17
क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाना पीना नहीं; परन्तु धर्म और मिलाप और वह आनन्द है;
रोमियो 14:6
जो किसी दिन को मानता है, वह प्रभु के लिये मानता है: जो खाता है, वह प्रभु के लिये खाता है, क्योंकि वह परमेश्वर का धन्यवाद करता है, और जा नहीं खाता, वह प्रभु के लिये नहीं खाता और परमेश्वर का धन्यवाद करता है।
मत्ती 23:5
वे अपने सब काम लोगों को दिखाने के लिये करते हैं: वे अपने तावीजों को चौड़े करते, और अपने वस्त्रों की को रें बढ़ाते हैं।
मत्ती 6:16
जब तुम उपवास करो, तो कपटियों की नाईं तुम्हारे मुंह पर उदासी न छाई रहे, क्योंकि वे अपना मुंह बनाए रहते हैं, ताकि लोग उन्हें उपवासी जानें; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके।
मत्ती 6:5
और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उन को अच्छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके।
मत्ती 6:2
इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके।
मत्ती 5:16
उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें॥
जकर्याह 8:19
सेनाओं का यहोवा यों कहता है: चौथे, पांचवें, सातवें और दसवें महीने में जो जो उपवास के दिन होते हैं, वे यहूदा के घराने के लिये हर्ष और आनन्द और उत्सव के पर्वों के दिन हो जाएगें; इसलिये अब तुम सच्चाई और मेल-मिलाप से प्रीति रखो॥
जकर्याह 7:6
और जब तुम खाते-पीते हो, तो क्या तुम अपने ही लिये नहीं खाते, और क्या तुम अपने ही लिये नहीं पीते हो?
यिर्मयाह 41:1
और सातवें महीने में ऐसा हुआ कि इश्माएल जो नतन्याह का पुत्र और एलीशामा का पोता और राजवंश का और राजा के प्रधान पुरुषों में से था, सो दस जन संग ले कर मिस्पा में अहीकाम के पुत्र गदल्याह के पास आया। वहां मिस्पा में उन्होंने एक संग भोजन किया।
यिर्मयाह 25:11
सारी जातियों का यह देश उजाड़ ही उजाड़ होगा, और ये सब जातियां सत्तर वर्ष तक बाबुल के राजा के आधीन रहेंगी।
यशायाह 58:4
सुनो, तुम्हारे उपवास का फल यह होता है कि तुम आपस में लड़ते और झगड़ते और दुष्टता से घूंसे मारते हो। जैसा उपवास तुम आजकल रखते हो, उस से तुम्हारी प्रार्थना ऊपर नहीं सुनाई देगी।
2 राजा 25:23
जब दलों के सब प्रधानों ने अर्थात नतन्याह के पुत्र इश्माएल कारेहू के पुत्र योहानान, नतोपाई, तन्हूमेत के पुत्र सरायाह और किसी माकाई के पुत्र याजन्याह ने और उनके जनों ने यह सुना, कि बाबेल के राजा ने गदल्याह को अधिकारी ठहराया है, तब वे अपने अपने जनों समेत मिस्पा में गदल्याह के पास आए।