भजन संहिता 95:4
पृथ्वी के गहिरे स्थान उसी के हाथ में हैं; और पहाड़ों की चोटियां भी उसी की हैं।
In his hand | אֲשֶׁ֣ר | ʾăšer | uh-SHER |
are the deep places | בְּ֭יָדוֹ | bĕyādô | BEH-ya-doh |
earth: the of | מֶחְקְרֵי | meḥqĕrê | mek-keh-RAY |
the strength | אָ֑רֶץ | ʾāreṣ | AH-rets |
of the hills | וְתוֹעֲפֹ֖ת | wĕtôʿăpōt | veh-toh-uh-FOTE |
is his also. | הָרִ֣ים | hārîm | ha-REEM |
לֽוֹ׃ | lô | loh |