भजन संहिता 90:10
हमारी आयु के वर्ष सत्तर तो होते हैं, और चाहे बल के कारण अस्सी वर्ष के भी हो जाएं, तौभी उनका घमण्ड केवल नष्ट और शोक ही शोक है; क्योंकि वह जल्दी कट जाती है, और हम जाते रहते हैं।
The days | יְמֵֽי | yĕmê | yeh-MAY |
of our years | שְׁנוֹתֵ֨ינוּ | šĕnôtênû | sheh-noh-TAY-noo |
threescore are | בָהֶ֥ם | bāhem | va-HEM |
years | שִׁבְעִ֪ים | šibʿîm | sheev-EEM |
if and ten; and | שָׁנָ֡ה | šānâ | sha-NA |
by reason of strength | וְאִ֤ם | wĕʾim | veh-EEM |
fourscore be they | בִּגְבוּרֹ֨ת׀ | bigbûrōt | beeɡ-voo-ROTE |
years, | שְׁמ֘וֹנִ֤ים | šĕmônîm | sheh-MOH-NEEM |
yet is their strength | שָׁנָ֗ה | šānâ | sha-NA |
labour | וְ֭רָהְבָּם | wĕrohbom | VEH-roh-bome |
and sorrow; | עָמָ֣ל | ʿāmāl | ah-MAHL |
for | וָאָ֑וֶן | wāʾāwen | va-AH-ven |
it is soon | כִּי | kî | kee |
cut off, | גָ֥ז | gāz | ɡahz |
and we fly away. | חִ֝֗ישׁ | ḥîš | heesh |
וַנָּעֻֽפָה׃ | wannāʿupâ | va-na-OO-fa |