Psalm 62:10
अन्धेर करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन सम्पति बढ़े, तौभी उस पर मन न लगाना॥
Psalm 62:10 in Other Translations
King James Version (KJV)
Trust not in oppression, and become not vain in robbery: if riches increase, set not your heart upon them.
American Standard Version (ASV)
Trust not in oppression, And become not vain in robbery: If riches increase, set not your heart `thereon'.
Bible in Basic English (BBE)
Have no faith in the rewards of evil-doing, or in profits wrongly made: if your wealth is increased, do not put your hopes on it.
Darby English Bible (DBY)
Put not confidence in oppression, and become not vain in robbery; if wealth increase, set not your heart upon it.
Webster's Bible (WBT)
Surely men of low degree are vanity, and men of high degree are a lie: to be laid in the balance, they are altogether lighter than vanity.
World English Bible (WEB)
Don't trust in oppression. Don't become vain in robbery. If riches increase, Don't set your heart on them.
Young's Literal Translation (YLT)
Trust not in oppression, And in robbery become not vain, Wealth -- when it increaseth -- set not the heart.
| Trust | אַל | ʾal | al |
| not | תִּבְטְח֣וּ | tibṭĕḥû | teev-teh-HOO |
| in oppression, | בְעֹשֶׁק֮ | bĕʿōšeq | veh-oh-SHEK |
| vain not become and | וּבְגָזֵ֪ל | ûbĕgāzēl | oo-veh-ɡa-ZALE |
| אַל | ʾal | al | |
| robbery: in | תֶּ֫הְבָּ֥לוּ | tehbālû | TEH-BA-loo |
| if | חַ֤יִל׀ | ḥayil | HA-yeel |
| riches | כִּֽי | kî | kee |
| increase, | יָנ֑וּב | yānûb | ya-NOOV |
| set | אַל | ʾal | al |
| not | תָּשִׁ֥יתוּ | tāšîtû | ta-SHEE-too |
| your heart | לֵֽב׃ | lēb | lave |
Cross Reference
यशायाह 30:12
इस कारण इस्राएल का पवित्र यों कहता है, तुम लोग जो मेरे इस वचन को निकम्मा जानते और अन्धेर और कुटिलता पर भरोसा कर के उन्हीं पर टेक लगाते हो;
भजन संहिता 52:7
देखो, यह वही पुरूष है जिसने परमेश्वर को अपनी शरण नहीं माना, परन्तु अपने धन की बहुतायत पर भरोसा रखता था, और अपने को दुष्टता में दृढ़ करता रहा!
यशायाह 59:4
कोई धर्म के साथ नालिश नहीं करता, न कोई सच्चाई से मुकद्दमा लड़ता है; वे मिथ्या पर भरोसा रखते हैं और झूठ बातें बकते हैं, उसको मानो उत्पात का गर्भ रहता, और वे अनर्थ को जन्म देते हैं।
यशायाह 61:8
क्योंकि, मैं यहोवा न्याय से प्रीति रखता हूं, मैं अन्याय और डकैती से घृणा करता हूं; इसलिये मैं उन को उनके साथ सदा की वाचा बान्धूंगा।
यिर्मयाह 13:25
यहोवा की यह वाणी है, तेरा हिस्सा और मुझ से ठहराया हुआ तेरा भाग यही है, क्योंकि तू ने मुझे भूल कर झूठ पर भरोसा रखा है।
यिर्मयाह 17:11
जो अन्याय से धन बटोरता है वह उस तीतर के समान होता है जो दूसरी चिडिय़ा के दिए हुए अंडों को सेती है, उसकी आधी आयु में ही वह उस धन को छोड़ जाता है, और अन्त में वह मूढ़ ही ठहरता है।
मरकुस 10:23
यीशु ने चारों ओर देखकर अपने चेलों से कहा, धनवानों को परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है!
लूका 12:15
और उस ने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता।
1 तीमुथियुस 6:10
क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है॥
1 तीमुथियुस 6:17
इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है।
यशायाह 47:10
तू ने अपनी दुष्टता पर भरोसा रखा, तू ने कहा, मुझे कोई नहीं देखता; तेरी बुद्धि और ज्ञान ने तुझे बहकाया और तू ने अपने मन में कहा, मैं ही हूं और मेरे सिवाय कोई दूसरा नहीं।
यशायाह 28:15
तुम ने कहा है कि हम ने मृत्यु से वाचा बान्धी और अधोलोक से प्रतिज्ञा कराई है; इस कारण विपत्ति जब बाढ़ की नाईं बढ़ आए तब हमारे पास न आएगी; क्योंकि हम ने झूठ की शरण ली और मिथ्या की आड़ में छिपे हुए हैं।
नीतिवचन 23:5
क्या तू अपनी दृष्टि उस वस्तु पर लगाएगा, जो है ही नहीं? वह उकाब पक्षी की नाईं पंख लगा कर, नि:सन्देह आकाश की ओर उड़ जाता है।
व्यवस्थाविवरण 6:10
और जब तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे उस देश में पहुंचाए जिसके विषय में उसने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब नाम, तेरे पूर्वजों से तुझे देने की शपथ खाई, और जब वह तुझ को बड़े बड़े और अच्छे नगर, जो तू ने नहीं बनाए,
व्यवस्थाविवरण 8:12
ऐसा न हो कि जब तू खाकर तृप्त हो, और अच्छे अच्छे घर बनाकर उन में रहने लगे,
अय्यूब 20:19
क्योंकि उसने कंगालों को पीस कर छोड़ दिया, उसने घर को छीन लिया, उसको वह बढ़ाने न पाएगा।
अय्यूब 20:29
परमेश्वर की ओर से दुष्ट मनुष्य का अंश, और उसके लिये ईश्वर का ठहराया हुआ भाग यही है।
अय्यूब 27:16
चाहे वह रुपया धूलि के समान बटोर रखे और वस्त्र मिट्टी के किनकों के तुल्य अनगिनित तैयार कराए,
अय्यूब 31:24
यदि मैं ने सोने का भरोसा किया होता, वा कुन्दन को अपना आसरा कहा होता,
भजन संहिता 39:6
सचमुच मनुष्य छाया सा चलता फिरता है; सचमुच वे व्यर्थ घबराते हैं; वह धन का संचय तो करता है परन्तु नहीं जानता कि उसे कौन लेगा!
भजन संहिता 49:6
जो अपनी सम्पत्ति पर भरोसा रखते, और अपने धन की बहुतायत पर फूलते हैं,
भजन संहिता 91:14
उसने जो मुझ से स्नेह किया है, इसलिये मैं उसको छुड़ाऊंगा; मैं उसको ऊंचे स्थान पर रखूंगा, क्योंकि उसने मेरे नाम को जान लिया है।
मरकुस 8:36
यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा?