भजन संहिता 42:5
हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? और तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूंगा॥
Why | מַה | ma | ma |
art thou cast down, | תִּשְׁתּ֬וֹחֲחִ֨י׀ | tištôḥăḥî | teesh-TOH-huh-HEE |
soul? my O | נַפְשִׁי֮ | napšiy | nahf-SHEE |
and why art thou disquieted | וַתֶּהֱמִ֪י | wattehĕmî | va-teh-hay-MEE |
in | עָ֫לָ֥י | ʿālāy | AH-LAI |
hope me? | הוֹחִ֣לִי | hôḥilî | hoh-HEE-lee |
thou in God: | לֵֽ֭אלֹהִים | lēʾlōhîm | LAY-loh-heem |
for | כִּי | kî | kee |
I shall yet | ע֥וֹד | ʿôd | ode |
praise | אוֹדֶ֗נּוּ | ʾôdennû | oh-DEH-noo |
him for the help | יְשׁוּע֥וֹת | yĕšûʿôt | yeh-shoo-OTE |
of his countenance. | פָּנָֽיו׃ | pānāyw | pa-NAIV |