भजन संहिता 39:11
जब तू मनुष्य को अधर्म के कारण डाँट डपटकर ताड़ना देता है; तब तू उसकी सुन्दरता को पतंगे की नाईं नाश करता है; सचमुच सब मनुष्य व्यर्थअभिमान करते हैं॥
When thou with rebukes | בְּֽתוֹכָ֘ח֤וֹת | bĕtôkāḥôt | beh-toh-HA-HOTE |
correct dost | עַל | ʿal | al |
man | עָוֹ֨ן׀ | ʿāwōn | ah-ONE |
for | יִסַּ֬רְתָּ | yissartā | yee-SAHR-ta |
iniquity, | אִ֗ישׁ | ʾîš | eesh |
beauty his makest thou | וַתֶּ֣מֶס | wattemes | va-TEH-mes |
to consume away | כָּעָ֣שׁ | kāʿāš | ka-ASH |
moth: a like | חֲמוּד֑וֹ | ḥămûdô | huh-moo-DOH |
surely | אַ֤ךְ | ʾak | ak |
every | הֶ֖בֶל | hebel | HEH-vel |
man | כָּל | kāl | kahl |
is vanity. | אָדָ֣ם | ʾādām | ah-DAHM |
Selah. | סֶֽלָה׃ | selâ | SEH-la |