भजन संहिता 31:20
तू उन्हें दर्शन देने के गुप्त स्थान में मनुष्यों की बुरी गोष्ठी से गुप्त रखेगा; तू उन को अपने मण्डप में झगड़े-रगड़े से छिपा रखेगा॥
Thou shalt hide | תַּסְתִּירֵ֤ם׀ | tastîrēm | tahs-tee-RAME |
them in the secret | בְּסֵ֥תֶר | bĕsēter | beh-SAY-ter |
presence thy of | פָּנֶיךָ֮ | pānêkā | pa-nay-HA |
from the pride | מֵֽרֻכְסֵ֫י | mēruksê | may-rook-SAY |
man: of | אִ֥ישׁ | ʾîš | eesh |
thou shalt keep them secretly | תִּצְפְּנֵ֥ם | tiṣpĕnēm | teets-peh-NAME |
pavilion a in | בְּסֻכָּ֗ה | bĕsukkâ | beh-soo-KA |
from the strife | מֵרִ֥יב | mērîb | may-REEV |
of tongues. | לְשֹׁנֽוֹת׃ | lĕšōnôt | leh-shoh-NOTE |