भजन संहिता 148:14
और उसने अपनी प्रजा के लिये एक सींग ऊंचा किया है; यह उसके सब भक्तों के लिये अर्थात इस्राएलियों के लिये और उसके समीप रहने वाली प्रजा के लिये स्तुति करने का विषय है। याह की स्तुति करो।
He also exalteth | וַיָּ֤רֶם | wayyārem | va-YA-rem |
the horn | קֶ֨רֶן׀ | qeren | KEH-ren |
of his people, | לְעַמּ֡וֹ | lĕʿammô | leh-AH-moh |
praise the | תְּהִלָּ֤ה | tĕhillâ | teh-hee-LA |
of all | לְֽכָל | lĕkol | LEH-hole |
his saints; | חֲסִידָ֗יו | ḥăsîdāyw | huh-see-DAV |
children the of even | לִבְנֵ֣י | libnê | leev-NAY |
of Israel, | יִ֭שְׂרָאֵל | yiśrāʾēl | YEES-ra-ale |
a people | עַ֥ם | ʿam | am |
near | קְרֹב֗וֹ | qĕrōbô | keh-roh-VOH |
unto him. Praise | הַֽלְלוּ | hallû | HAHL-loo |
ye the Lord. | יָֽהּ׃ | yāh | ya |