Psalm 142:2
मैं अपने शोक की बातें उस से खोलकर कहता, मैं अपना संकट उस के आगे प्रगट करता हूं।
Psalm 142:2 in Other Translations
King James Version (KJV)
I poured out my complaint before him; I shewed before him my trouble.
American Standard Version (ASV)
I pour out my complaint before him; I show before him my trouble.
Bible in Basic English (BBE)
I put all my sorrows before him; and made clear to him all my trouble.
Darby English Bible (DBY)
I pour out my plaint before him; I shew before him my trouble.
World English Bible (WEB)
I pour out my complaint before him. I tell him my troubles.
Young's Literal Translation (YLT)
I pour forth before Him my meditation, My distress before Him I declare.
| I poured out | אֶשְׁפֹּ֣ךְ | ʾešpōk | esh-POKE |
| my complaint | לְפָנָ֣יו | lĕpānāyw | leh-fa-NAV |
| before | שִׂיחִ֑י | śîḥî | see-HEE |
| shewed I him; | צָ֝רָתִ֗י | ṣārātî | TSA-ra-TEE |
| before | לְפָנָ֥יו | lĕpānāyw | leh-fa-NAV |
| him my trouble. | אַגִּֽיד׃ | ʾaggîd | ah-ɡEED |
Cross Reference
भजन संहिता 102:1
हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन; मेरी दोहाई तुझ तक पहुंचे!
यशायाह 26:16
हे यहोवा, दु:ख में वे तुझे स्मरण करते थे, जब तू उन्हें ताड़ना देता था तब वे दबे स्वर से अपने मन की बात तुझ पर प्रगट करते थे।
रोमियो 8:26
इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है।
इब्रानियों 5:7
उस ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊंचे शब्द से पुकार पुकार कर, और आंसू बहा बहा कर उस से जो उस को मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएं और बिनती की और भक्ति के कारण उस की सुनी गई।
भजन संहिता 62:8
हे लोगो, हर समय उस पर भरोसा रखो; उससे अपने अपने मन की बातें खोलकर कहो; परमेश्वर हमारा शरणस्थान है।
फिलिप्पियों 4:6
किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।
1 शमूएल 1:15
हन्ना ने कहा, नहीं, हे मेरे प्रभु, मैं तो दु:खिया हूं; मैं ने न तो दाखमधु पिया है और न मदिरा, मैं ने अपने मन की बात खोल कर यहोवा से कही है।
भजन संहिता 18:4
मृत्यु की रस्सियों से मैं चारो ओर से घिर गया हूं, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया;
भजन संहिता 42:4
मैं भीड़ के संग जाया करता था, मैं जयजयकार और धन्यवाद के साथ उत्सव करने वाली भीड़ के बीच में परमेश्वर के भवन को धीरे धीरे जाया करता था; यह स्मरण करके मेरा प्राण शोकित हो जाता है।