भजन संहिता 116:8
तू ने तो मेरे प्राण को मृत्यु से, मेरी आंख को आंसू बहाने से, और मेरे पांव को ठोकर खाने से बचाया है।
For | כִּ֤י | kî | kee |
thou hast delivered | חִלַּ֥צְתָּ | ḥillaṣtā | hee-LAHTS-ta |
soul my | נַפְשִׁ֗י | napšî | nahf-SHEE |
from death, | מִ֫מָּ֥וֶת | mimmāwet | MEE-MA-vet |
אֶת | ʾet | et | |
eyes mine | עֵינִ֥י | ʿênî | ay-NEE |
from | מִן | min | meen |
tears, | דִּמְעָ֑ה | dimʿâ | deem-AH |
and | אֶת | ʾet | et |
my feet | רַגְלִ֥י | raglî | rahɡ-LEE |
from falling. | מִדֶּֽחִי׃ | middeḥî | mee-DEH-hee |