भजन संहिता 104:15
और दाखमधु जिस से मनुष्य का मन आनन्दित होता है, और तेल जिस से उसका मुख चमकता है, और अन्न जिस से वह सम्भल जाता है।
And wine | וְיַ֤יִן׀ | wĕyayin | veh-YA-yeen |
that maketh glad | יְשַׂמַּ֬ח | yĕśammaḥ | yeh-sa-MAHK |
heart the | לְֽבַב | lĕbab | LEH-vahv |
of man, | אֱנ֗וֹשׁ | ʾĕnôš | ay-NOHSH |
and oil | לְהַצְהִ֣יל | lĕhaṣhîl | leh-hahts-HEEL |
face his make to | פָּנִ֣ים | pānîm | pa-NEEM |
to shine, | מִשָּׁ֑מֶן | miššāmen | mee-SHA-men |
bread and | וְ֝לֶ֗חֶם | wĕleḥem | VEH-LEH-hem |
which strengtheneth | לְֽבַב | lĕbab | LEH-vahv |
man's | אֱנ֥וֹשׁ | ʾĕnôš | ay-NOHSH |
heart. | יִסְעָֽד׃ | yisʿād | yees-AD |