नीतिवचन 19:6
उदार मनुष्य को बहुत से लोग मना लेते हैं, और दानी पुरूष का मित्र सब कोई बनता है।
Many | רַ֭בִּים | rabbîm | RA-beem |
will intreat | יְחַלּ֣וּ | yĕḥallû | yeh-HA-loo |
the favour | פְנֵֽי | pĕnê | feh-NAY |
of the prince: | נָדִ֑יב | nādîb | na-DEEV |
man every and | וְכָל | wĕkāl | veh-HAHL |
is a friend | הָ֝רֵ֗עַ | hārēaʿ | HA-RAY-ah |
to him | לְאִ֣ישׁ | lĕʾîš | leh-EESH |
that giveth gifts. | מַתָּֽן׃ | mattān | ma-TAHN |