नीतिवचन 17:19
जो झगड़े-रगड़े में प्रीति रखता, वह अपराध करने में भी प्रीति रखता है, और जो अपने फाटक को बड़ा करता, वह अपने विनाश के लिये यत्न करता है।
He loveth | אֹ֣הֵֽב | ʾōhēb | OH-have |
transgression | פֶּ֭שַׁע | pešaʿ | PEH-sha |
that loveth | אֹהֵ֣ב | ʾōhēb | oh-HAVE |
strife: | מַצָּ֑ה | maṣṣâ | ma-TSA |
exalteth that he and | מַגְבִּ֥יהַּ | magbîah | mahɡ-BEE-ah |
his gate | פִּ֝תְח֗וֹ | pitḥô | PEET-HOH |
seeketh | מְבַקֶּשׁ | mĕbaqqeš | meh-va-KESH |
destruction. | שָֽׁבֶר׃ | šāber | SHA-ver |