Proverbs 12:25
उदास मन दब जाता है, परन्तु भली बात से वह आनन्दित होता है।
Proverbs 12:25 in Other Translations
King James Version (KJV)
Heaviness in the heart of man maketh it stoop: but a good word maketh it glad.
American Standard Version (ASV)
Heaviness in the heart of a man maketh it stoop; But a good word maketh it glad.
Bible in Basic English (BBE)
Care in the heart of a man makes it weighted down, but a good word makes it glad.
Darby English Bible (DBY)
Heaviness in the heart of man maketh it stoop; but a good word maketh it glad.
World English Bible (WEB)
Anxiety in a man's heart weighs it down, But a kind word makes it glad.
Young's Literal Translation (YLT)
Sorrow in the heart of a man boweth down, And a good word maketh him glad.
| Heaviness | דְּאָגָ֣ה | dĕʾāgâ | deh-ah-ɡA |
| in the heart | בְלֶב | bĕleb | veh-LEV |
| of man | אִ֣ישׁ | ʾîš | eesh |
| stoop: it maketh | יַשְׁחֶ֑נָּה | yašḥennâ | yahsh-HEH-na |
| but a good | וְדָבָ֖ר | wĕdābār | veh-da-VAHR |
| word | ט֣וֹב | ṭôb | tove |
| maketh it glad. | יְשַׂמְּחֶֽנָּה׃ | yĕśammĕḥennâ | yeh-sa-meh-HEH-na |
Cross Reference
नीतिवचन 15:13
मन आनन्दित होने से मुख पर भी प्रसन्नता छा जाती है, परन्तु मन के दु:ख से आत्मा निराश होती है।
यशायाह 50:4
प्रभु यहोवा ने मुझे सीखने वालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूं। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं।
नीतिवचन 15:23
सज्जन उत्तर देने से आनन्दित होता है, और अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है!
नीतिवचन 16:24
मन भावने वचन मधु भरे छते की नाईं प्राणों को मीठे लगते, और हड्डियों को हरी-भरी करते हैं।
नीतिवचन 17:22
मन का आनन्द अच्छी औषधि है, परन्तु मन के टूटने से हड्डियां सूख जाती हैं।
नीतिवचन 12:18
ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोच विचार का बोलना तलवार की नाईं चुभता है, परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं।
2 कुरिन्थियों 2:4
बड़े क्लेश, और मन के कष्ट से, मैं ने बहुत से आंसु बहा बहाकर तुम्हें लिखा, इसलिये नहीं, कि तुम उदास हो, परन्तु इसलिये कि तुम उस बड़े प्रेम को जान लो, जो मुझे तुम से है॥
जकर्याह 1:13
और यहोवा ने उत्तर में उस दूत से जो मुझ से बातें करता था, अच्छी अच्छी और शान्ति की बातें कहीं।
नीतिवचन 27:9
जैसे तेल और सुगन्ध से, वैसे ही मित्र के हृदय की मनोहर सम्मति से मन आनन्दित होता है।
नीतिवचन 25:11
जैसे चान्दी की टोकरियों में सोनहले सेब हों वैसे ही ठीक समय पर कहा हुआ वचन होता है।
नीतिवचन 18:14
रोग में मनुष्य अपनी आत्मा से सम्भलता है; परन्तु जब आत्मा हार जाती है तब इसे कौन सह सकता है?
नीतिवचन 15:15
दुखिया के सब दिन दु:ख भरे रहते हैं, परन्तु जिसका मन प्रसन्न रहता है, वह मानो नित्य भोज में जाता है।
नीतिवचन 14:10
मन अपना ही दु:ख जानता है, और परदेशी उसके आनन्द में हाथ नहीं डाल सकता।
भजन संहिता 42:11
हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर भरोसा रख; क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है, मैं फिर उसका धन्यवाद करूंगा॥
भजन संहिता 38:6
मैं बहुत दुखी हूं और झुक गया हूं; दिन भर मैं शोक का पहिरावा पहिने हुए चलता फिरता हूं।
मरकुस 14:33
और वह पतरस और याकूब और यूहन्ना को अपने साथ ले गया: और बहुत ही अधीर, और व्याकुल होने लगा।
नहेमायाह 2:1
अर्तक्षत्र राजा के बीसवें वर्ष के नीसान नाम महीने में, जब उसके साम्हने दाखमधु था, तब मैं ने दाखमधु उठा कर राजा को दिया। इस से पहिले मैं उसके साम्हने कभी उदास न हुआ था।