विलापगीत 1:20
हे यहोवा, दृष्टि कर, क्योंकि मैं संकट में हूँ, मेरी अन्तडिय़ां ऐंठी जाती हैं, मेरा हृदय उलट गया है, क्योंकि मैं ने बहुत बलवा किया है। बाहर तो मैं तलवार से निर्वश होती हूँ; और घर में मृत्यु विराज रही है।
Behold, | רְאֵ֨ה | rĕʾē | reh-A |
O Lord; | יְהוָ֤ה | yĕhwâ | yeh-VA |
for | כִּֽי | kî | kee |
I am in distress: | צַר | ṣar | tsahr |
bowels my | לִי֙ | liy | lee |
are troubled; | מֵעַ֣י | mēʿay | may-AI |
mine heart | חֳמַרְמָ֔רוּ | ḥŏmarmārû | hoh-mahr-MA-roo |
is turned | נֶהְפַּ֤ךְ | nehpak | neh-PAHK |
within | לִבִּי֙ | libbiy | lee-BEE |
me; for | בְּקִרְבִּ֔י | bĕqirbî | beh-keer-BEE |
I have grievously | כִּ֥י | kî | kee |
rebelled: | מָר֖וֹ | mārô | ma-ROH |
abroad | מָרִ֑יתִי | mārîtî | ma-REE-tee |
sword the | מִח֥וּץ | miḥûṣ | mee-HOOTS |
bereaveth, | שִׁכְּלָה | šikkĕlâ | shee-keh-LA |
at home | חֶ֖רֶב | ḥereb | HEH-rev |
there is as death. | בַּבַּ֥יִת | babbayit | ba-BA-yeet |
כַּמָּֽוֶת׃ | kammāwet | ka-MA-vet |