यिर्मयाह 51:63
और जब तू इस पुस्तक को पढ़ चुके, तब इसे एक पत्थर के संग बान्धकर परात महानद के बीच में फेंक देना,
And it shall be, | וְהָיָה֙ | wĕhāyāh | veh-ha-YA |
end an made hast thou when | כְּכַלֹּ֣תְךָ֔ | kĕkallōtĕkā | keh-ha-LOH-teh-HA |
of reading | לִקְרֹ֖א | liqrōʾ | leek-ROH |
אֶת | ʾet | et | |
this | הַסֵּ֣פֶר | hassēper | ha-SAY-fer |
book, | הַזֶּ֑ה | hazze | ha-ZEH |
bind shalt thou that | תִּקְשֹׁ֤ר | tiqšōr | teek-SHORE |
a stone | עָלָיו֙ | ʿālāyw | ah-lav |
to | אֶ֔בֶן | ʾeben | EH-ven |
cast and it, | וְהִשְׁלַכְתּ֖וֹ | wĕhišlaktô | veh-heesh-lahk-TOH |
it into | אֶל | ʾel | el |
the midst | תּ֥וֹךְ | tôk | toke |
of Euphrates: | פְּרָֽת׃ | pĕrāt | peh-RAHT |