Jeremiah 44:22
क्या उसने उसको स्मरण न किया? सो जब यहोवा तुम्हारे बुरे और सब घृणित कामों को और अधिक न सह सका, तब तुम्हारा देश उजड़ कर निर्जन और सुनसान हो गया, यहां तक कि लोग उसकी उपमा देकर शाप दिया करते हैं, जैसे कि आज होता है।
Jeremiah 44:22 in Other Translations
King James Version (KJV)
So that the LORD could no longer bear, because of the evil of your doings, and because of the abominations which ye have committed; therefore is your land a desolation, and an astonishment, and a curse, without an inhabitant, as at this day.
American Standard Version (ASV)
so that Jehovah could not longer bear, because of the evil of your doings, and because of the abominations which ye have committed; therefore is your land become a desolation, and an astonishment, and a curse, without inhabitant, as it is this day.
Bible in Basic English (BBE)
And the Lord was no longer able to put up with the evil of your doings and the disgusting things you did; and because of this your land has become a waste and a cause of wonder and a curse, with no one living in it, as at this day.
Darby English Bible (DBY)
And Jehovah could no longer bear, because of the evil of your doings, [and] because of the abominations that ye had committed; and your land is become a waste, and an astonishment, and a curse, without inhabitant, as at this day.
World English Bible (WEB)
so that Yahweh could no longer bear, because of the evil of your doings, and because of the abominations which you have committed; therefore is your land become a desolation, and an astonishment, and a curse, without inhabitant, as it is this day.
Young's Literal Translation (YLT)
And Jehovah is not able any more to accept `you', because of the evil of your doings, because of the abominations that ye have done, and your land is for a waste, and for an astonishment, and for a reviling, without inhabitant, as `at' this day.
| So that the Lord | וְלֹֽא | wĕlōʾ | veh-LOH |
| could | יוּכַל֩ | yûkal | yoo-HAHL |
| no | יְהוָ֨ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| longer | ע֜וֹד | ʿôd | ode |
| bear, | לָשֵׂ֗את | lāśēt | la-SATE |
| because | מִפְּנֵי֙ | mippĕnēy | mee-peh-NAY |
| evil the of | רֹ֣עַ | rōaʿ | ROH-ah |
| of your doings, | מַעַלְלֵיכֶ֔ם | maʿallêkem | ma-al-lay-HEM |
| because and | מִפְּנֵ֥י | mippĕnê | mee-peh-NAY |
| of the abominations | הַתּוֹעֵבֹ֖ת | hattôʿēbōt | ha-toh-ay-VOTE |
| which | אֲשֶׁ֣ר | ʾăšer | uh-SHER |
| committed; have ye | עֲשִׂיתֶ֑ם | ʿăśîtem | uh-see-TEM |
| therefore is | וַתְּהִ֣י | wattĕhî | va-teh-HEE |
| your land | אַ֠רְצְכֶם | ʾarṣĕkem | AR-tseh-hem |
| desolation, a | לְחָרְבָּ֨ה | lĕḥorbâ | leh-hore-BA |
| and an astonishment, | וּלְשַׁמָּ֧ה | ûlĕšammâ | oo-leh-sha-MA |
| curse, a and | וְלִקְלָלָ֛ה | wĕliqlālâ | veh-leek-la-LA |
| without | מֵאֵ֥ין | mēʾên | may-ANE |
| an inhabitant, | יוֹשֵׁ֖ב | yôšēb | yoh-SHAVE |
| as at this | כְּהַיּ֥וֹם | kĕhayyôm | keh-HA-yome |
| day. | הַזֶּֽה׃ | hazze | ha-ZEH |
Cross Reference
यिर्मयाह 25:18
अर्थात यरूशलेम और यहूदा के नगरों के निवासियों, और उनके राजाओं और हाकिमों को पिलाया, ताकि उनका देश उजाड़ हो जाए और लोग ताली बजाएं, और उसकी उपमा देकर शाप दिया करें; जैसा आजकल होता है।
यशायाह 7:13
तब उसने कहा, हे दाऊद के घराने सुनो! क्या तुम मनुष्यों को उकता देना छोटी बात समझकर अब मेरे परमेश्वर को भी उकता दोगे?
यशायाह 43:24
तू मेरे लिये सुगन्धित नरकट रूपऐ से मोल नहीं लाया और न मेलबलियों की चर्बी से मुझे तृप्त किया। परन्तु तू ने अपने पापों के कारण मुझ पर बोझ लाट दिया है, और अपने अधर्म के कामों से मुझे थका दिया है॥
यिर्मयाह 18:16
इस से उनका देश ऐसा उजाड़ हो गया है कि लोग उस पर सदा ताली बजाते रहेंगे; और जो कोई उसके पास से चले वह चकित होगा और सिर हिलाएगा।
यिर्मयाह 25:11
सारी जातियों का यह देश उजाड़ ही उजाड़ होगा, और ये सब जातियां सत्तर वर्ष तक बाबुल के राजा के आधीन रहेंगी।
यिर्मयाह 25:38
युवा सिंह की नाईं वह अपने ठौर को छोड़ कर निकलता है, क्योंकि अंधेर करनेहारी तलवार और उसके भड़के हुए कोप के कारण उनका देश उजाड़ हो गया है।
यिर्मयाह 44:12
और बचे हुए यहूदी जो हठ कर के मिस्र देश में आकर रहने लगे हैं, वे सब मिट जाएंगे; इस मिस्र देश में छोटे से ले कर बड़े तक वे तलवार और महंगी के द्वारा मर के मिट जाएंगे; और लोग उन्हें कोसेंगे और चकित होंगे; और उनकी उपमा देकर शाप दिया करेंगे और निन्दा भी करेंगे।
मलाकी 2:17
तुम लोगों ने अपनी बातों से यहोवा को उकता दिया है। तौभी पूछते हो, कि हम ने किस बाते में उसे उकता दिया? इस में, कि तुम कहते हो कि जो कोई बुरा करता है, वह यहोवा की दृष्टि में अच्छा लगता है, और वह ऐसे लोगों से प्रसन्न रहता है, और यह, कि न्यायी परमेश्वर कहां है?
2 पतरस 3:7
पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे॥
रोमियो 9:22
कि परमेश्वर ने अपना क्रोध दिखाने और अपनी सामर्थ प्रगट करने की इच्छा से क्रोध के बरतनों की, जो विनाश के लिये तैयार किए गए थे बड़े धीरज से सही।
रोमियो 2:4
क्या तू उस की कृपा, और सहनशीलता, और धीरज रूपी धन को तुच्छ जानता है और कया यह नहीं समझता, कि परमेश्वर की कृपा तुझे मन फिराव को सिखाती है?
आमोस 2:13
देखो, मैं तुम को ऐसा दबाऊंगा, जैसी पूलों से भरी हुई गाड़ी नीचे को दबाई जाती है।
दानिय्येल 9:12
सो उसने हमारे और न्यायियों के विषय जो वचन कहे थे, उन्हें हम पर यह बड़ी विपत्ति डालकर पूरा किया है; यहां तक कि जैसी विपत्ति यरूशलेम पर पड़ी है, वैसी सारी धरती पर और कहीं नहीं पड़ी।
यहेजकेल 5:13
इस प्रकार से मेरा कोप शान्त होगा, और अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से भड़का कर मैं शान्ति पाऊंगा; और जब मैं अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से भड़का चुकूं, तब वे जान लेंगे कि मुझ यहोवा ही ने जलन में आकर यह कहा है।
विलापगीत 2:15
सब बटोही तुझ पर ताली बजाते हैं; वे यरूशलेम की पुत्री पर यह कह कर ताली बजाते और सिर हिलाते हैं, क्या यह वही नगरी है जिसे परमसुन्दरी और सारी पृथ्वी के हर्ष का कारण कहते थे?
उत्पत्ति 6:5
और यहोवा ने देखा, कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है सो निरन्तर बुरा ही होता है।
उत्पत्ति 19:13
क्योंकि हम यह स्थान नाश करने पर हैं, इसलिये कि उसकी चिल्लाहट यहोवा के सम्मुख बढ़ गई है; और यहोवा ने हमें इसका सत्यनाश करने के लिये भेज दिया है।
1 राजा 9:7
तो मैं इस्राएल को इस देश में से जो मैं ने उन को दिया है, काट डालूंगा और इस भवन को जो मैं ने अपने नाम के लिये पवित्र किया है, अपनी दृष्टि से उतार दूंगा; और सब देशों के लोगों में इस्राएल की उपमा दी जायेगी और उसका दृष्टान्त चलेगा।
भजन संहिता 95:10
चालीस वर्ष तक मैं उस पीढ़ी के लोगों से रूठा रहा, और मैं ने कहा, ये तो भरमाने वाले मन के हैं, और इन्होंने मेरे मार्गों को नहीं पहिचाना।
भजन संहिता 107:33
वह नदियों को जंगल बना डालता है, और जल के सोतों को सूखी भूमि कर देता है।
यशायाह 1:24
इस कारण प्रभु सेनाओं के यहोवा, इस्राएल के शक्तिमान की यह वाणी है: सुनो, मैं अपने शत्रुओं को दूर कर के शान्ति पाऊंगा, और अपने बैरियों से पलटा लूंगा।
यिर्मयाह 15:6
यहोवा की यह वाणी है कि तू मुझ को त्यागकर पीछे हट गई है, इसलिये मैं तुझ पर हाथ बढ़ाकर तेरा नाश करूंगा; क्योंकि, मैं तरस खाते खाते उकता गया हूँ।
यिर्मयाह 24:9
इस कारण वे पृथ्वी के राज्य राज्य में मारे मारे फिरते हुए हु:ख भोगते रहेंगे; और जितने स्थानों में मैं उन्हें बरबस निकाल दूंगा, उन सभों में वे नामधराई और दृष्टांत और श्राप का विषय होंगे।
यिर्मयाह 26:6
तो मैं इस भवन को शीलो के समान उजाड़ दूंगा, और इस नगर का ऐसा सत्यानाश कर दूंगा कि पृथ्वी की सारी जातियों के लोग उसकी उपमा दे देकर शाप दिया करेंगे।
यिर्मयाह 29:19
क्योंकि जो वचन मैं ने अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा उनके पास बड़ा यत्न कर के कहला भेजे हैं, उन को उन्होंने नहीं सुना, यहोवा की यही वाणी है।
यिर्मयाह 44:2
इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि जो विपत्ति मैं यरूशलेम और यहूदा के सब नगरों पर डाल चुका हूँ, वह सब तुम लोगों ने देखी है। देखो, वे आज के दिन कैसे उजड़े हुए और निर्जन हैं,
यिर्मयाह 44:6
इस कारण मेरी जलजलाहट और कोप की आग यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों पर भड़क गई; और वे आज के दिन तक उजाड़ और सुनसान पड़े हैं।
उत्पत्ति 6:3
और यहोवा ने कहा, मेरा आत्मा मनुष्य से सदा लों विवाद करता न रहेगा, क्योंकि मनुष्य भी शरीर ही है: उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।