यिर्मयाह 2:21
मैं ने तो तुझे उत्तम जाति की दाखलता और उत्तम बीज कर के लगाया था, फिर तू क्यों मेरे लिये जंगली दाखलता बन गई?
Yet I | וְאָֽנֹכִי֙ | wĕʾānōkiy | veh-ah-noh-HEE |
had planted | נְטַעְתִּ֣יךְ | nĕṭaʿtîk | neh-ta-TEEK |
vine, noble a thee | שׂוֹרֵ֔ק | śôrēq | soh-RAKE |
wholly | כֻּלֹּ֖ה | kullō | koo-LOH |
a right | זֶ֣רַע | zeraʿ | ZEH-ra |
seed: | אֱמֶ֑ת | ʾĕmet | ay-MET |
how | וְאֵיךְ֙ | wĕʾêk | veh-ake |
turned thou art then | נֶהְפַּ֣כְתְּ | nehpakĕt | neh-PA-het |
into the degenerate plant | לִ֔י | lî | lee |
strange a of | סוּרֵ֖י | sûrê | soo-RAY |
vine | הַגֶּ֥פֶן | haggepen | ha-ɡEH-fen |
unto me? | נָכְרִיָּֽה׃ | nokriyyâ | noke-ree-YA |