Jeremiah 18:22
जब तू उन पर अचानक शत्रुदल चढ़ाए, तब उनके घरों से चिल्लाहट सुनाईं दे! क्योंकि उन्होंने मेरे लिये गड़हा खोदा और मेरे फंसाने को फन्दे लगाए हैं।
Jeremiah 18:22 in Other Translations
King James Version (KJV)
Let a cry be heard from their houses, when thou shalt bring a troop suddenly upon them: for they have digged a pit to take me, and hid snares for my feet.
American Standard Version (ASV)
Let a cry be heard from their houses, when thou shalt bring a troop suddenly upon them; for they have digged a pit to take me, and hid snares for my feet.
Bible in Basic English (BBE)
Let a cry for help go up from their houses, when you send an armed band on them suddenly: for they have made a hole in which to take me, and have put nets for my feet secretly.
Darby English Bible (DBY)
Let a cry be heard from their houses, when thou shalt bring a troop suddenly upon them; for they have digged a pit to take me, and have hidden snares for my feet.
World English Bible (WEB)
Let a cry be heard from their houses, when you shall bring a troop suddenly on them; for they have dug a pit to take me, and hid snares for my feet.
Young's Literal Translation (YLT)
A cry is heard from their houses, For Thou bringest against them suddenly a troop, For they dug a pit to capture me, And snares they have hidden for my feet.
| Let a cry | תִּשָּׁמַ֤ע | tiššāmaʿ | tee-sha-MA |
| be heard | זְעָקָה֙ | zĕʿāqāh | zeh-ah-KA |
| from their houses, | מִבָּ֣תֵּיהֶ֔ם | mibbāttêhem | mee-BA-tay-HEM |
| when | כִּֽי | kî | kee |
| thou shalt bring | תָבִ֧יא | tābîʾ | ta-VEE |
| a troop | עֲלֵיהֶ֛ם | ʿălêhem | uh-lay-HEM |
| suddenly | גְּד֖וּד | gĕdûd | ɡeh-DOOD |
| upon | פִּתְאֹ֑ם | pitʾōm | peet-OME |
| for them: | כִּֽי | kî | kee |
| they have digged | כָר֤וּ | kārû | ha-ROO |
| a pit | שׁיּחָה֙ | šyyḥāh | sh-YKA |
| take to | לְלָכְדֵ֔נִי | lĕlokdēnî | leh-loke-DAY-nee |
| me, and hid | וּפַחִ֖ים | ûpaḥîm | oo-fa-HEEM |
| snares | טָמְנ֥וּ | ṭomnû | tome-NOO |
| for my feet. | לְרַגְלָֽי׃ | lĕraglāy | leh-rahɡ-LAI |
Cross Reference
यिर्मयाह 6:26
हे मेरी प्रजा कमर में टाट बान्ध, और राख में लोट; जैसा एकलौते पुत्र के लिये विलाप होता है वैसा ही बड़ा शोकमय विलाप कर; क्योंकि नाश करने वाला हम पर अचानक आ पड़ेगा।
भजन संहिता 140:5
घमण्डियों ने मेरे लिये फन्दा और पासे लगाए, और पथ के किनारे जाल बिछाया है; उन्होंने मेरे लिये फन्दे लगा रखे हैं॥
सपन्याह 1:10
यहोवा की यह वाणी है, कि उस दिन मछली फाटक के पास चिल्लाहट का और नये टोले मिश्नाह में हाहाकार का और टीलों पर बड़े धमाके का शब्द होगा।
यिर्मयाह 25:34
हे चरवाहो, हाय हाय करो और चिल्लाओ, हे बलवन्त मेढ़ो और बकरो, राख में लोटो, क्योंकि तुम्हारे वध होने के दिन आ पहुंचे हैं, और मैं मनभाऊ बरतन की नाईं तुम्हारा सत्यानाश करूंगा।
सपन्याह 1:16
वह गढ़ वाले नगरों और ऊंचे गुम्मटों के विरुद्ध नरसिंगा फूंकने और ललकारने का दिन होगा।
भजन संहिता 56:5
वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा लगाकर मरोड़ते रहते हैं उनकी सारी कल्पनाएं मेरी ही बुराई करने की होती है।
मत्ती 22:15
तब फरीसियों ने जाकर आपस में विचार किया, कि उस को किस प्रकार बातों में फंसाएं।
यिर्मयाह 48:3
होरोनैम से चिल्लाहट का शब्द सुनो! नाश और बड़े द:ख का शब्द सुनाईं देता है!
यिर्मयाह 47:2
यहोवा यों कहता है कि देखो, उत्तर दिशा से उमण्डने वाली नदी देश को उस सब समेत जो उस में है, और निवासियों समेत नगर को डुबो लेगी। तब मनुष्य चिल्लाएंगे, वरन देश के सब रहने वाले हाय-हाय करेंगे।
यिर्मयाह 20:10
मैं ने बहुतों के मुंह से अपना अपवाद सुना है। चारों ओर भय ही भय है! मेरी जान पहचान के सब जो मेरे ठोकर खाने की बाट जोहते हैं, वे कहते हैं, उसके दोष बताओ, तब हम उनकी चर्चा फैला देंगे। कदाचित वह धोखा खाए, तो हम उस पर प्रबल हो कर, उस से बदला लेंगे।
यिर्मयाह 18:20
क्या भलाई के बदले में बुराई का व्यवहार किया जाए? तू इस बात का स्मरण कर कि मैं उनकी भलाई के लिये तेरे साम्हने प्रार्थना करने को खड़ा हुआ जिस से तेरी जलजलाहट उन पर से उतर जाए, और अब उन्होंने मेरे प्राण लेने के लिये गड़हा खोदा है।
यिर्मयाह 9:20
इसलिये, हे स्त्रियों, यहोवा का यह वचन सुनो, और उसकी यह आज्ञा मानो; तुम अपनी अपनी बेटियों को शोक का गीत, और अपनी अपनी पड़ोसियों को विलाप का गीत सिखाओ।
यिर्मयाह 4:31
क्योंकि मैं ने ज़च्चा का शब्द, पहिलौठा जनती हुई स्त्री की सी चिल्लाहट सुनी है, यह सिय्योन की बेटी का शब्द है, जो हांफती और हाथ फैलाए हुए यों कहती है, हाय मुझ पर, मैं हत्यारों के हाथ पड़कर मूछिर्त हो चली हूँ।
यिर्मयाह 4:19
हाय! हाय! मेरा हृदय भीतर ही भीतर तड़पता है! और मेरा मन घबराता है! मैं चुप नहीं रह सकता; क्योंकि हे मेरे प्राण, नरसिंगे का शब्द और युद्ध की ललकार तुझ तक पहुंची है।
यशायाह 22:1
दर्शन की तराई के विषय में भारी वचन। तुम्हें क्या हुआ कि तुम सब के सब छतों पर चढ़ गए हो,
यशायाह 10:30
हे गल्लीम की बेटी चिल्ला! हे लैशा के लागों कान लगाओ! हाय बेचारा अनातोत!
भजन संहिता 64:4
ताकि छिपकर खरे मनुष्य को मारें; वे निडर होकर उसको अचानक मारते भी हैं।
भजन संहिता 38:12
मेरे प्राण के ग्राहक मेरे लिये जाल बिछाते हैं, और मेरी हानि के यत्न करने वाले दुष्टता की बातें बोलते, और दिन भर छल की युक्ति सोचते हैं।