यशायाह 66:4
इसलिये मैं भी उनके लिये दु:ख की बातें निकालूंगा, और जिन बातों से वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊंगा; क्योंकि जब मैं ने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैं ने उन से बातें की, तब उन्होंने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दृष्टि में बुरा था वही वे करते रहे, और जिस से मैं अप्रसन्न होता था उसी को उन्होंने अपनाया॥ तुम जो यहोवा का वचन सुनकर थरथराते हो यहोवा का यह वचन सुनो:
I | גַּם | gam | ɡahm |
also | אֲנִ֞י | ʾănî | uh-NEE |
will choose | אֶבְחַ֣ר | ʾebḥar | ev-HAHR |
delusions, their | בְּתַעֲלֻלֵיהֶ֗ם | bĕtaʿălulêhem | beh-ta-uh-loo-lay-HEM |
and will bring | וּמְגֽוּרֹתָם֙ | ûmĕgûrōtām | oo-meh-ɡoo-roh-TAHM |
fears their | אָבִ֣יא | ʾābîʾ | ah-VEE |
upon them; because | לָהֶ֔ם | lāhem | la-HEM |
called, I when | יַ֤עַן | yaʿan | YA-an |
none | קָרָ֙אתִי֙ | qārāʾtiy | ka-RA-TEE |
did answer; | וְאֵ֣ין | wĕʾên | veh-ANE |
spake, I when | עוֹנֶ֔ה | ʿône | oh-NEH |
they did not | דִּבַּ֖רְתִּי | dibbartî | dee-BAHR-tee |
hear: | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
did they but | שָׁמֵ֑עוּ | šāmēʿû | sha-MAY-oo |
evil | וַיַּעֲשׂ֤וּ | wayyaʿăśû | va-ya-uh-SOO |
eyes, mine before | הָרַע֙ | hāraʿ | ha-RA |
and chose | בְּעֵינַ֔י | bĕʿênay | beh-ay-NAI |
that in which | וּבַאֲשֶׁ֥ר | ûbaʾăšer | oo-va-uh-SHER |
I delighted | לֹֽא | lōʾ | loh |
not. | חָפַ֖צְתִּי | ḥāpaṣtî | ha-FAHTS-tee |
בָּחָֽרוּ׃ | bāḥārû | ba-ha-ROO |