यशायाह 59:3
क्योंकि तुम्हारे हाथ हत्या से और तुम्हारी अंगुलियां अधर्म के कर्मों से अपवित्र हो गईं हैं; तुम्हारे मुंह से तो झूठ और तुम्हारी जीभ से कुटिल बातें निकलती हैं।
For | כִּ֤י | kî | kee |
your hands | כַפֵּיכֶם֙ | kappêkem | ha-pay-HEM |
are defiled | נְגֹאֲל֣וּ | nĕgōʾălû | neh-ɡoh-uh-LOO |
blood, with | בַדָּ֔ם | baddām | va-DAHM |
and your fingers | וְאֶצְבְּעוֹתֵיכֶ֖ם | wĕʾeṣbĕʿôtêkem | veh-ets-beh-oh-tay-HEM |
iniquity; with | בֶּֽעָוֹ֑ן | beʿāwōn | beh-ah-ONE |
your lips | שִׂפְתֽוֹתֵיכֶם֙ | śiptôtêkem | seef-toh-tay-HEM |
have spoken | דִּבְּרוּ | dibbĕrû | dee-beh-ROO |
lies, | שֶׁ֔קֶר | šeqer | SHEH-ker |
your tongue | לְשׁוֹנְכֶ֖ם | lĕšônĕkem | leh-shoh-neh-HEM |
hath muttered | עַוְלָ֥ה | ʿawlâ | av-LA |
perverseness. | תֶהְגֶּֽה׃ | tehge | teh-ɡEH |