यशायाह 55:12
क्योंकि तुम आनन्द के साथ निकलोगे, और शान्ति के साथ पहुंचाए जाओगे; तुम्हारे आगे आगे पहाड़ और पहाडिय़ां गला खोल कर जयजयकार करेंगी, और मैदान के सब वृक्ष आनन्द के मारे ताली बजाएंगे।
For | כִּֽי | kî | kee |
ye shall go out | בְשִׂמְחָ֣ה | bĕśimḥâ | veh-seem-HA |
with joy, | תֵצֵ֔אוּ | tēṣēʾû | tay-TSAY-oo |
forth led be and | וּבְשָׁל֖וֹם | ûbĕšālôm | oo-veh-sha-LOME |
with peace: | תּֽוּבָל֑וּן | tûbālûn | too-va-LOON |
mountains the | הֶהָרִ֣ים | hehārîm | heh-ha-REEM |
and the hills | וְהַגְּבָע֗וֹת | wĕhaggĕbāʿôt | veh-ha-ɡeh-va-OTE |
forth break shall | יִפְצְח֤וּ | yipṣĕḥû | yeef-tseh-HOO |
before | לִפְנֵיכֶם֙ | lipnêkem | leef-nay-HEM |
you into singing, | רִנָּ֔ה | rinnâ | ree-NA |
and all | וְכָל | wĕkāl | veh-HAHL |
trees the | עֲצֵ֥י | ʿăṣê | uh-TSAY |
of the field | הַשָּׂדֶ֖ה | haśśāde | ha-sa-DEH |
shall clap | יִמְחֲאוּ | yimḥăʾû | yeem-huh-OO |
their hands. | כָֽף׃ | kāp | hahf |