यशायाह 50:4
प्रभु यहोवा ने मुझे सीखने वालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूं। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं।
The Lord | אֲדֹנָ֣י | ʾădōnāy | uh-doh-NAI |
God | יְהוִֹ֗ה | yĕhôi | yeh-hoh-EE |
hath given | נָ֤תַן | nātan | NA-tahn |
tongue the me | לִי֙ | liy | lee |
of the learned, | לְשׁ֣וֹן | lĕšôn | leh-SHONE |
know should I that | לִמּוּדִ֔ים | limmûdîm | lee-moo-DEEM |
how to speak | לָדַ֛עַת | lādaʿat | la-DA-at |
a word | לָע֥וּת | lāʿût | la-OOT |
to season in | אֶת | ʾet | et |
weary: is that him | יָעֵ֖ף | yāʿēp | ya-AFE |
he wakeneth | דָּבָ֑ר | dābār | da-VAHR |
morning | יָעִ֣יר׀ | yāʿîr | ya-EER |
morning, by | בַּבֹּ֣קֶר | babbōqer | ba-BOH-ker |
he wakeneth | בַּבֹּ֗קֶר | babbōqer | ba-BOH-ker |
mine ear | יָעִ֥יר | yāʿîr | ya-EER |
hear to | לִי֙ | liy | lee |
as the learned. | אֹ֔זֶן | ʾōzen | OH-zen |
לִשְׁמֹ֖עַ | lišmōaʿ | leesh-MOH-ah | |
כַּלִּמּוּדִֽים׃ | kallimmûdîm | ka-lee-moo-DEEM |