यशायाह 47:12
अपने तन्त्र मन्त्र और बहुत से टोनहों को, जिनका तू ने बाल्यावस्था ही से अभ्यास किया है उपयोग में ला, सम्भव है तू उन से लाभ उठा सके या उनके बल से स्थिर रह सके।
Stand | עִמְדִי | ʿimdî | eem-DEE |
now | נָ֤א | nāʾ | na |
with thine enchantments, | בַחֲבָרַ֙יִךְ֙ | baḥăbārayik | va-huh-va-RA-yeek |
multitude the with and | וּבְרֹ֣ב | ûbĕrōb | oo-veh-ROVE |
of thy sorceries, | כְּשָׁפַ֔יִךְ | kĕšāpayik | keh-sha-FA-yeek |
wherein | בַּאֲשֶׁ֥ר | baʾăšer | ba-uh-SHER |
thou hast laboured | יָגַ֖עַתְּ | yāgaʿat | ya-ɡA-at |
youth; thy from | מִנְּעוּרָ֑יִךְ | minnĕʿûrāyik | mee-neh-oo-RA-yeek |
if so be | אוּלַ֛י | ʾûlay | oo-LAI |
thou shalt be able | תּוּכְלִ֥י | tûkĕlî | too-heh-LEE |
profit, to | הוֹעִ֖יל | hôʿîl | hoh-EEL |
if so be | אוּלַ֥י | ʾûlay | oo-LAI |
thou mayest prevail. | תַּעֲרֽוֹצִי׃ | taʿărôṣî | ta-uh-ROH-tsee |