यशायाह 35:7
मृगतृष्णा ताल बन जाएगी और सूखी भूमि में सोते फूटेंगे; और जिस स्थान में सियार बैठा करते हैं उस में घास और नरकट और सरकण्डे होंगे॥
And the parched ground | וְהָיָ֤ה | wĕhāyâ | veh-ha-YA |
become shall | הַשָּׁרָב֙ | haššārāb | ha-sha-RAHV |
a pool, | לַאֲגַ֔ם | laʾăgam | la-uh-ɡAHM |
land thirsty the and | וְצִמָּא֖וֹן | wĕṣimmāʾôn | veh-tsee-ma-ONE |
springs | לְמַבּ֣וּעֵי | lĕmabbûʿê | leh-MA-boo-ay |
of water: | מָ֑יִם | māyim | MA-yeem |
habitation the in | בִּנְוֵ֤ה | binwē | been-VAY |
of dragons, | תַנִּים֙ | tannîm | ta-NEEM |
where each lay, | רִבְצָ֔הּ | ribṣāh | reev-TSA |
grass be shall | חָצִ֖יר | ḥāṣîr | ha-TSEER |
with reeds | לְקָנֶ֥ה | lĕqāne | leh-ka-NEH |
and rushes. | וָגֹֽמֶא׃ | wāgōmeʾ | va-ɡOH-meh |